
Connection is not possible without breaking the ego
छिंदवाड़ा/गुमगांव. जीवन में व्यक्ति बहिरंग शत्रुओं से विजय तो प्राप्त कर लेता है ,पर अंदर के शत्रुओं से स्वत: पराजित हो जाता है। यदि आंतरिक शत्रुओं पर विजय पाना हो तो भगवान की कृपा का आश्रय लेना पड़ेगा। काम, क्रोध, लोभ ,जीवन के प्रबल शत्रु है । अहंकार का प्रतीक धनुष है। किसी से भी नहीं टूटा तब श्रीराम उठे और धनुष को तोडक़र सभी को जोड़ दिया। अहंकार टूटे बिना जुडऩा कभी सम्भव ही नहीं है। ये उदगार सतना से आए पं. आदित्य प्रकाश त्रिपाठी ने व्यक्त किए। ग्वालियर से आई लीला भारती ने श्रीरामविवाह की रसमयी झांकी दिखाते हुए कहा कि सीताराम का विवाह भक्ति और भगवान का मिलन है।और यह मिलन विदेहनगर में ही हो सकता है। जब तक जीव देह तक सीमित रहेगा तब भक्ति और भगवान का मिलन नही होगा पर जब देह से ऊपर उठकर विदेहवत यात्रा करेगा तो भक्ति चैतन्य हो जाएगी। पटना से आए पंकज रामायणी ने यज्ञ की चर्चा करते हुए कहा कि यज्ञ वातावरण को पवित्र करता है। कार्यक्रम संयोजक सीताराम रामायणा ने कहा कि यह कार्यक्रम समूचे क्षेत्र का है और क्षेत्र के सहयोग से ही संचालित होता है।
Published on:
28 Dec 2023 07:51 pm
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