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औने-पौने दाम में बेची सब्जियां

प्रयास से भी नहीं मिला लोन

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औने-पौने दाम में बेची सब्जियां

औने-पौने दाम में बेची सब्जियां

आर्थिक संकट में फंसे
छिंदवाड़ा / कोरोना लॉकडाउन के तीन चरण की सख्त पाबंदी से खेतों में काम करने वाले किसानों के सहयोगी बंटाईदार गहरे आर्थिक संकट में फंस गए। उन्हें अभी भी संकट से निकलने का रास्ता नहीं सूझ रहा है। जिले में अधिकतर बंटाईदार किसानों ने कर्ज लेकर सब्जी की खेती की और फिर लॉकडाउन की वजह से उन्हें बड़ा घाटा सहना पड़ा।ग्राम जाटाछापर में बंटाईदार पप्पू यादव की करुण व्यथा से इस वर्ग की खस्ता हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है।
इस बंटाईदार के परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। कोरोना लॉकडाउन का हाल पूछो तो पप्पू बताता है कि हरी सब्जी मंडी तक नहीं पहुंच पाई। उचित दाम नहीं मिल पाए और औने-पौने दामों पर सब्जियों को बेचना पड़ा। लागत नहीं निकली। जैसे-तैसे गुजारा करना पड़ रहा है। कर्ज के बारे में बंटाईदार ने सरकारी ऋण लेने का कई बार प्रयास किया, लेकिन जमीन, मकान, जेवर की गारंटी नहीं होने के कारण कोई भी लोन देने को तैयार नहीं हो पाया। बच्चे राहुल और आयुष की पढ़ाई लिखाई सरकारी स्कूल में है। सरकारी सहायता के नाम पर पप्पू का कहना है कि पिता के बीपीएल कार्ड में उसका नाम है, लेकिन उसे राशन नहीं मिलता है। दूसरी पंचायत दरबई वाले कहते हैं कि तुम जाटाछापर में रहने लगे हो इसलिए तुमको यहां से सुविधा नहीं मिलेगी। वहीं जाटाछापर पंचायत में कहा जाता है कि यहां पर तुम्हारा नाम नहीं है इसलिए तुम्हें किसी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इस कारण कोई भी सरकारी सहायता नहीं मिलती।

टूट गया भूमिहीन किसान
अमरवाड़ा.लॉकडाउन में भूमिहीन किसानों को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। तेंदनीमाल निवासी राजू परसराम वर्मा, हरेश वर्मा, संतुलन वर्मा, सिरपाल उइके ये सभी बंटाई में लेकर खेती करते हैं। इनका कहना है कि शासन की योजनाएं तो भूमि वाले किसानों के लिए हैं। हमारे लिए सरकार के पास कुछ नहीं। हम जैसे किसान हमेशा पूंजीपतियों और साहूकारों से ब्याज पर कर्ज लेते आए हैं। ग्राम बर्दिया के बंटाईदार किसान नर्मदा प्रसाद कुमरे ने बताया लॉकडाउन के चलते साहूकार से कर्ज लिया था। अब वह ब्याज के लिए बार-बार परेशान कर रहा है। वर्तमान में हमारे पास कोई व्यवस्था
नहीं है। मक्का भी गिरे भाव बिक रहा है। सरकार की सिर्फ उज्ज्वला योजना हम तक पहुंची है। इसके अलावा हमें कोई लाभ नहीं मिला।