
cyber crime
छिंदवाड़ा. ऑनलाइन माध्यम से अगर आप किसी सामान की खरीदी-बिक्री कर रहे हैं या फिर किसी अंजान से पैसा अपने अकाउंट में मंगवा रहे हैं तो जरा सावधान हो जाइए... हैकर गिरोह इन दिनों काफी सक्रिय हो गए हैं। हमारी लापरवाही हमें भारी पड़ सकती है। सायबर अपराधी हमारी जरा सी चूक का फायदा उठाकर लाखों की चपत लगा सकते हैं। ऐसे कई मामले इन दिनों सामने आ रहे हैं, जिसमें लोग लालच में आकर खुद के पैसे ही गंवा बैठे। इस संबंध में साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि इन दिनों हमारे सभी महत्वपूर्ण ट्रांजेक्शन इंटरनेट पर हो रहे हैं, दुनिया भर में बढ़ती कनेक्टिविटी जहां हमारे जीवन को बहुत आसान बना रही है, वहीं इसके खतरे भी बढ़ गए हैं कि हमारी व्यक्तिगत जानकारी को कोई हैकर चुरा ना ले। हैकर्स के पास अब बहुत से रास्ते हैं जिससे वह हमारी जानकारी चुराकर उनका दुरूपयोग कर सकता है। इसका उपाय यही है कि हम जागरूक रहें। बिना पुख्ता जानकारी के किसी को भी अपने डिटेल शेयर न करें।
इस तरह कर रहे ठगी....
मामला-एक
आर्मी का जवान बताया और कोर्ट मैरिज कराने के नाम पर वकीलों से की ठगी
18 जनवरी 2020 को एक अधिवक्ता के मोबाइल नंबर पर फोन आया। फोन करने वाले ने अपना नाम साहिल बताया, उसने अधिवक्ता से कहा कि मैं जम्मू कश्मीर में इंडियन आर्मी में तैनात हूं। मुझे छिंदवाड़ा निवासी लडक़ी से शादी करनी है और मुझे छुट्टी नहीं मिल रही है मैं बहुत कम समय के लिए आऊंगा और कोर्ट मैरिज कर तुरन्त ही ड्यूटी पर वापस लौट जाऊंगा आप मुझे बता दें कि कितना खर्च लग सकता है। अधिवक्ता ने संपूर्ण खर्च दस हजार रुपए बताए। इसके पश्चात साहिल ने अधिवक्ता से गूगल पे नंबर मांगा। अधिवक्ता ने अपने रिश्तेदार का नंबर दिया। आरोपी ने बहुत ही चालाकी से एक मैसेज भेजा और तत्काल उसे क्लिक करने के लिए कहा। अधिवक्ता के रिश्तेदार ने मैसेज क्लिक कर दिया। मैसेज क्लिक करते ही रिश्तेदार के खाते से दस हजार रुपए निकल गए। हालांकि इसकी जानकारी उन्हें उस समय नहीं लग पाई। अगले दिन अधिवक्ता ने साहिल के नंबर पर फोन लगाकर बताया कि पैसे नहीं पहुंचे हैं। शाहिल ने दोबारा किसी और का गुगल पे नंबर मांगा। अधिवक्ता ने अपने जूनियर अधिवक्ता का नंबर दे दिया और फिर वही धोखाधड़ी जूनियर अधिवक्ता के साथ भी उसी प्रक्रिया के तहत हो गई। हैकर ने जूनियर अधिवक्ता के खाते से भी ऑनलाइन धोखाधड़ी कर दस हजार रुपए निकाल लिए। अधिवक्ता ने इसकी शिकायत साइबर सेल में की है।
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मामला-दो
ओएलएक्स पर सामान बेचने के लिए दिया था विज्ञापन
20 जनवरी को पटेल नगर निवासी आकाश ने ओएलएक्स पर टीवी बेचने का विज्ञापन दिया। लगभग पांच मिनट बाद उसे हरियाणा निवासी व्यक्ति ने 9588367296 मोबाइल नंबर से फोन किया और कहा कि उसका छोटा भाई छिंदवाड़ा में रहता है उसे टीवी खरीदनी है। हैकर ने पैसे पेमेंट करने के लिए आकाश से गुगल पे नंबर मांगा। आकाश ने बिना सोचे समझे नंबर दे दिया। हैकर ने एक लिंक अप्रूव करने के लिए भेजा और फिर आकाश के बैंक अकाउंट से सात हजार रुपए कम हो गए। आकाश ने जब ऐतराज जताया तो उसने फिर से वही प्रक्रिया दोहरानी के लिए कहा। हालांकि आकाश सजग हो गया और उसने लिंक अप्रूव करने से मना कर दिया। हैरानी की बात यह थी कि हैकर का नंबर मंगलवार रात तक चालू था और हरियाणा के ही गिरोह के सदस्यों द्वारा अलग-अलग नंबर से आकाश की टीवी खरीदने की पेशकश की जा रही थी।
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सतर्कता जरूरी
सायबर एक्सपर्ट का कहना है कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में सतर्कता जरूरी है। अक्सर मोबाइल पर ट्रू कॉलर में फर्जी कॉल समझ में आ रही है। इसके अलावा फर्जी कॉल करने वाले लोगों की लाल रंग की पट्टी के साथ स्पेम कॉल लिखा हुआ भी आ रहा है। इन्हें देखकर तत्काल सावधान हो जाएं और संभव हो तो वह नंबर रिसीव न करें।
हैकर अपना रहे यह तरीका
हैकर फिशिंग इमेल भेजकर, मेल वेयर साफ्टवेयर इस्टाल करने पर, मोबाइल एप्स, असुरक्षित नेटवर्क सहित अन्य प्रक्रिया से धोखाधड़ी से खाते से पैसे निकाल रहे हैं या फिर आपके डाटा की चोरी कर रहे हैं।
ऐसे बरतें सावधानी
1. हर ईमेल पर न करें भरोसा, मेल वेयर साफ्टवेयर न करें डाउनलोड
3. सभी मोबाइल एप नहीं होते सुरक्षित
4. फोन और एसएमएस पर किसी को अपनी जरूरी जानकारी न दें
5. ओपन इंटरनेट नेटवर्क से वित्तीय ट्रांजेक्शन न करें एवं पासवर्ड हमेशा कठिन रखें।
इनका कहना है...
हैकर लिंक, क्यूआरकोड, ओटीपी शेयर कर धोखाधड़ी कर रहे हैं। इनसे सावधान रहने की जरूरत है। जागरूक रहकर ही साइबर अपराधियों से बचा जा सकता है। अगर किसी के साथ साइबर क्राइम होता है तो वह तत्काल साइबर सेल में शिकायत कर सकता है।
सत्येन्द्र सिंह बघेल, साइबर सेल प्रभारी, छिंदवाड़ा
Published on:
22 Jan 2020 12:10 pm
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