
छिंदवाड़ा. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के सबसे खास और छिंदवाड़ा के कद्दावर नेता दीपक सक्सेना ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को लिखे पत्र में इस्तीफे का कारण व्यक्तिगत बताया है। सक्सेना ने पत्रिका के साथ बातचीत में कहा कि उनका बेटा अजय ने भाजपा की सदस्यता ले ली है तो उनके पिता बतौर वे कैसे कांग्रेस में रह सकते हैं। व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है। आगे के कदम और रणनीति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कुछ तय हो जाने के बाद सार्वजनिक करेंगे। फिलहाल उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को इस्तीफा पहुंचा दिया है।
कमलनाथ के साथ निभाई कई रणनीतिक जिम्मेदारी
छिंदवाड़ा से लेकर भोपाल और दिल्ली की राजनीति में दीपक सक्सेना को कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के सबसे करीबी नेताओं में गिना जाता है। उन्होंने संगठन में लंबे समय तक काम किया। संगठन और सरकार में कई बड़ी रणनीति को अंजाम देने की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। स्थानीय स्तर पर कमलनाथ, नकुलनाथ के बाद वे तीसरे नंबर के नेता माने जाते रहे। फिलहाल कांग्रेस छोडऩे से उनके समर्थकों को गहरा झटका लगा है। कांग्रेस कार्यालय और उनके निवास रोहना में कार्यकर्ताओं का तांता लगा रहा।
अब जिम्मेदारी निभाने में सक्षम नहीं
प्रदेश अध्यक्ष को लिखे पत्र में सक्सेना ने कहा कि वे सन 1974 से कांग्रेस के सदस्य हैं। सन 1990 से सात बार विधानसभा चुनाव लड़ा एवं कोऑपरेटिव बैंक का अध्यक्ष रहा। मप्र कांग्रेस कमेटी में भी दिग्विजय सिंह के साथ पांच वर्ष तक सह-सचिव पद पर रहा। मुझ जैसे किसान परिवार के छोटे व्यक्ति पर स्व. राजीव गांधी, सोनिया गांधी, कमलनाथ ने विश्वास कर दायित्व दिया। इसके लिए वे सदैव कांग्रेस पार्टी के लिए ऋणी रहेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में व्यक्तिगत परेशानियों के कारण कांग्रेस पार्टी की जवाबदारी निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं।
Published on:
22 Mar 2024 07:53 pm
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