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E-Mandi: मक्का और गेहूं उत्पादक किसान हुए निराश

- कुसमेली मंडी में लागू की गई ई-मंडी योजना - पीओएस मशीन की कमी से नहीं मिल सका मक्का और गेहूं उत्पादक किसानों को लाभ - ई-मंडी ऐप के माध्यम से बिका सोयाबीन, चना, मूंग, तूअर- 31 किसानों को मिला ऑनलाइन प्रवेश

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व्यापारियों को भी दी गई ई मंडी ऐप की जानकारी।

छिंदवाड़ा। प्रदेश की 39 मंडी समितियों में ई मंडी योजना लागू की गई है। इस योजना में छिंदवाड़ा की कृषि उपज मंडी कुसमेली को भी शामिल किया गया है। बुधवार से कुसमेली मंडी में ई- मंडी के माध्यम से प्रवेश, नीलामी, तौल एवं भुगतान किया गया। पहले चरण में मक्का एवं गेहूं उत्पादक किसानों को छोडकऱ सोयाबीन, चना, मूंग एवं तुअर लेकर मंडी आने वाले 31 किसानों के मोबाइल में ई-मंडी ऐप लोड करवाया गया। इन किसानों ने अपनी कुल 362 क्विंटल उपज को ई-मंडी ऐप के माध्यम से बेचा एवं भुगतान प्राप्त किया। लेकिन पाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन की कमी की वजह से गेहूं और मक्का उत्पादक किसानों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिल सका।

इस तरह हुई उपज की नीलामी
मंडी कर्मचारियों ने बताया कि किसानों के मोबाइल में ई मंडी ऐप डाउनलोड करवाने के बाद, नीलामी करवाई गई। नीलामी में उपज खरीदने वाले व्यापारी फर्म एवं भाव को उसी समय दर्ज किया गया, बाद में तुलावटी से तौल करवाने के बाद तौल एवं भुगतान की राशि अपने मोबाइल में ई मंडी ऐप में दर्ज की। समस्त जानकारी खरीदार व्यापारी के मोबाइल में अपलोड ई मंडी ऐप या उसके कंप्यूटर में पहुंच गई। यह समस्त प्रक्रिया ऑनलाइन हुई।

20 पीओएस की मांग
कुसमेली मंडी में अन्य उपज की तुलना में मक्का एवं गेहूं की आवक अधिक होती है। पहले दिन इन दोनों उपज को ऑनलाइन नीलामी से बाहर रखा गया। मंडी अधिकारियों ने बताया कि ई मंडी ऐप में सिर्फ आंकड़े दर्ज करने की सुविधा है, जबकि इस प्रक्रिया में पर्ची भी दी जानी जरूरी है, जो कि पीओएस मशीन से ही मिलेगी। वर्तमान स्थिति में यदि मक्का और गेहूं उत्पादक किसानों को इस प्रक्रिया से जोड़ा गया तो पीओएस मशीन की कमी की वजह से समय काफी लग जाएगा, क्योंकि इन उपज की आवक हजारों क्विंटल होती है। हालांकि प्रबंधन ने मंडी के लिए 20 पीओएस मशीन की मांग मंडी बोर्ड से की है, ताकि गेहूं और मक्का उत्पादक किसानों को भी आगामी समय में इस प्रक्रिया से जोड़ा जा सके।

इनका कहना है
आगामी समय में चरणबद्ध रूप से सभी उपज बेचने की प्रक्रिया ई मंडी ऐप से ही पूरी होगी। मक्का एवं गेहूं लेकर आने वाले किसान अधिक हैं, इसलिए पीओएस मशीन आने के बाद उन्हें इस योजना में शामिल किया जाएगा।
- सुरेश परते, सचिव कृषि उपज मंडी कुसमेली