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चुनाव…जमानत राशि में लगातार वृद्धि, हर बार कम हुए उम्मीदवार

अतीत का झरोखे में...इस लोकसभा चुनाव में फार्म भरने देने पड़ेंगे 25 हजार, एससी-एसटी प्रत्याशियों को लगेंगे 50 फीसदी

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चुनाव...जमानत राशि में लगातार वृद्धि, हर बार कम हुए उम्मीदवार

चुनाव...जमानत राशि में लगातार वृद्धि, हर बार कम हुए उम्मीदवार

छिंदवाड़ा.लोकसभा चुनाव में नामांकन प्रक्रिया शुरू होते ही उम्मीदवारों के फार्म के साथ जमानत राशि पर चर्चा शुरू हो गई है। इतिहास बताता हैं कि आजादी के बाद के प्रथम चुनाव से अब तक लगातार चुनाव आयोग जमानत राशि में वृद्धि करता रहा है। इससे उम्मीदवार भी कम होते गए हैं। इस बार आयोग ने सामान्य उम्मीदवार के लिए जमानत राशि 25 हजार रुपए तय की है। एससी-एसटी होने पर ये राशि 50 फीसदी कम हो जाएगी।
देखा जाए तो संसद में संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करने की चाह हर नेता की रही है। कुछ तो चुनाव को बेहद गम्भीरता से लेते हैं, ज्यादातर प्रत्याशी चुनाव में केवल अपनी उपस्थिति दर्ज कराने को लेकर उतरते हैं। नामांकन पत्र
दाखिल करते हैं। चुनाव के नतीजे भी मुख्य दलों के उम्मीदवारों को छोड़ दें तो शेष के लिए महज औपचारिकता साबित होते हैं।
जिले का संसदीय इतिहास के अनुसार लोकसभा चुनाव में 1980 के दशक तक उम्मीदवारों की संख्या गिनी चुनी ही रहती थी। 1952 ये 1977 तक के चुनाव में अधिकतम सात उम्मीदवार ही चुनावी मैदान में उतरे। इसके बाद के चुनावों में तो जैसे उम्मीदवार बनने का फैशन चल पड़ा। वर्ष 2019 तक 18 संसदीय चुनाव में 216 उम्मीदवार मैदान में उतरे और अपना भाग्य आजमाया।
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2009 के चुनाव में थे सबसे ज्यादा प्रत्याशी
वर्ष 2009 के संसदीय चुनाव में सबसे ज्यादा 28 उम्मीदवार मैदान में थे। इसमें से दो को छोडकऱ बाकी सब की जमानत जब्त हो गई थी। इस समय तक चुनाव न तो इतने आकर्षक होते थे न हाईफाई प्रचार। उम्मीदवार भी ज्यादातर उम्रदराज और अनुभवी नेता को ही बनाया जाता है। 1984 में पहली बार दहाई का आंकड़ा पार हुआ और 13 उम्मीदवार इस चुनाव में खड़े हुए। 1991 में यह संख्या 26 तो 1996 में 27 तक पहुंच गई थी।
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उपचुनाव के बाद घटी उम्मीदवारों की संख्या
एक ही साल बाद 1997 के उपचुनाव में उम्मीदवार घटकर 10 रह गए। 1999 के चुनाव में संसदीय चुनाव के लिए सिर्फ आठ उम्मीदवार थे। यह संख्या पिछले सात चुनावों में सबसे कम थी। पांच साल बाद 2004 के चुनाव में इससे तीन गुना से ज्यादा 27 उम्मीदवारों ने चुनावी मैदान में अपनी ताल ठोकी।
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2019 के चुनाव में 14 प्रत्याशी थे मैदान में
2019 में हुए लोकसभा चुनाव में 14 उम्मीदवार मैदान में थे। इस चुनाव में कांग्रेस-भाजपा को छोडकऱ शेष उम्मीदवारों की जमानत भी नहीं बच सकी थी। अक्सर शेष दल और निर्दलीयों के साथ यहीं होता आया है।
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25 हजार रुपए की जमानत में रहेंगे कम प्रत्याशी
इस लोकसभा चुनाव 2024 में चुनाव आयोग की ओर से उम्मीदवार की जमानत राशि 25 हजार रुपए रखी गई है। एससी-एसटी होने पर 12500 रुपए लगेंगे। अभी नामांकन प्रक्रिया के पहले दिन किसी ने फार्म नहीं भरा। देखना होगा कि 27 मार्च तक कितने उम्मीदवार अपना भाग्य आजमाने उतरते हैं। 30 मार्च की नाम वापसी के बाद और स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
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