-नगर निगम की 30 अप्रैल को हुए थे सामूहिक विवाह,928 वधुओं को नहीं मिल पाए 49-49 हजार रुपए
नगर निगम के सामूहिक विवाह में शामिल दुल्हनों के चेहरों पर एक माह बाद भी मुस्कान खिल नहीं सकी है। इन 928 वधुओं को अब तक सरकार की ओर से 49-49 हजार रुपए उनके बैंक खाते में ट्रांसफर नहीं किए गए हैं। इससे इन बधुओं को उनके पतियों में निराशा है। वे रोज नगर निगम पहुंचकर इस राशि के बारे में पूछताछ कर रहे हैं।
देखा जाए तो बीती 30 अप्रेल को नगर निगम के सामूहिक विवाह दानियलसन कॉलेज के ग्राउण्ड में कराए गए थे। इनमें निगम और जनपद पंचायत क्षेत्र के 928 जोड़ों के शामिल हुए थे। उस समय उन्हें जनप्रतिनिधियों ने डमी चेक का वितरण किया था। उनसे कहा था कि जल्द ही मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की राशि 49 हजार रुपए उनके बैंक खाते में आ जाएगी। एक माह होने जा रहा है, अब तक ये राशि उनके बैंक खाते में नहीं पहुंच सकी है। इसकी कुल राशि करीब 4.54 करोड़ रुपए है। इस राशि के न पहुंचने से इन नए परिवारों में खासी निराशा है।
इन वर-वधुओं से उनके परिजन इस राशि के बारे में पूछ परख कर रहे हैं। ये लोग भी नगर निगम के पार्षद, योजना कार्यालय या फिर मुख्य ऑफिस आकर जानकारी ले रहे हैं। निगम के अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि इस समय सबसे ज्यादा शिकायतें इस सामूहिक विवाह की उपहार राशि की है। कई बार तो उन्हें पंचायत एवं सामाजिक न्याय विभाग के ऑफिस पहुंचा दिया जा रहा है, जहां से उन्हें बजट का अभाव बताया गया है।
इधर,पंचायत एवं सामाजिक न्याय विभाग के कर्मचारियों की माने तो जिले की जनपद पंचायतों में भी सामूहिक विवाह कराए गए थे। इनमें करीब 4 हजार शादियां हुई थी। उनके कर्मचारियों ने इनके बिल समय पर लगा दिए तो इन विवाहों में शामिल वधुओं के खाते में 49 हजार रुपए की राशि आ गई है।
केवल नगर निगम के सामूहिक विवाह का भुगतान शेष रह गया है। ये कब होगा, इस पर विभागीय कर्मचारियों की राय में यह सब बजट पर निर्भर है।
पंचायत एवं सामाजिक न्याय विभाग सामूहिक विवाह की राशि के भुगतान का दायित्व निभाता आ रहा है। इसके बिल जरूर जनपद पंचायत और नगरीय निकाय प्रस्तुत करते है। इन विभागीय कर्मचारियों की सुने तो केवल नगर निगम छिंदवाड़ा के बिल ही नहीं अटके बल्कि प्रदेश के दूसरे जिलों के नगरीय निकायों में हुई शादियों में शामिल वधुओं को भी भुगतान नहीं हो पाया है। यह तभी संभव है जब जनप्रतिनिधि सरकार के समक्ष आवाज उठाए।
छह साल पहले वर्ष 2020 में भी तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ की उपस्थिति में पुलिस ग्राउण्ड में सामूहिक विवाह हुए थे। उसमें 3300 जोड़ों के शामिल होने का विश्व रिकार्ड बना था। उसके बाद कमलनाथ सरकार के गिरने पर यह राशि अटक गई थी। उस समय भी जोड़े परेशान हो गए थे। उसके बाद आई शिवराज सरकार ने धीरे-धीरे कर इस राशि का भुगतान कराया था।
जिले में जनपद पंचायतों में हुए सामूहिक विवाह में शामिल वधुओं को 49-49 हजार रुपए की राशि का भुगतान हो गया है। नगर निगम के विवाह में शामिल वधुओं की राशि लम्बित है। इसके लिए प्रयास हो रहे हैं।
-पी.राजोदिया, उपसंचालक पंचायत एवं सामाजिक न्याय छिंदवाड़ा।