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सात नाले पार कर जाते हैं स्कूल 

डिलेवरी होना हो या कोई गम्भीर रूप से बीमार हो गया हो तो उसे डोली बनाकर टोकने में बिठाकर चार लोग लेकर जाते हैं

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Arun Garhewal

Sep 28, 2016

chhindwara

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रामाकोना (छिंदवाड़ा). सौसर विधानसाभा क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम पंचायत उटेकाटा के आश्रित आदिवासी मवाशी ग्राम मैनाघोन्दी में विकास कोसो दूर है। यहां रहवासी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं। यहां के बच्चे तीन किमी दूर शासकीय स्कूल उटेकाटा पढऩे जाते हैं। इस तीन किमी के पथरीले रास्ते के बीच सात नाले रास्ते में पढ़ते हैं। जिन्हें पार कर बच्चे मशक्कत कर स्कूल पहुंचते हैं। वहीं गांव पहुंचने सड़क नहीं है। केवल कच्चा और पथरीला रास्ता है जहां से गांव पहुंचा जा सकता है। वहीं यहां के रहवासियों को राशन लेने छह किमी का लम्बा रास्ता पार करना पड़ता है। वहीं यदि बारिश के दौरान किसी महिला की डिलेवरी होना हो या कोई गम्भीर रूप से बीमार हो गया हो तो उसे डोली बनाकर टोकने में बिठाकर चार लोग लेकर जाते हैं। रामाकोना-सवरनी मार्ग पर तीन किमी का पत्थरीले रास्ते में सात नाले को पार करना पड़ता है। एक भी व्यक्ति के यहां शौचालय का निर्माण नहींजहां पूरे भारत वर्ष में समग्र स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। वहीं रामाकोना के गांव मैनाघोंदी में एक परिवार में एक भी शौचालय सरकारी योजनाओं के तहत नहीं बनाया गया है।