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खेत-खलिहान से दूर उम्मीदों की सड़क

मनरेगा योजना के तहत संचालित खेत सड़क योजना अफसरों की लापरवाही से जिले में असफल साबित हो रही है।

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Vinod Yadav

Aug 20, 2016

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छिंदवाड़ा . मनरेगा योजना के तहत संचालित खेत सड़क योजना अफसरों की लापरवाही से जिले में असफल साबित हो रही है। योजना को शुरू हुए एक वर्ष से ज्यादा समय बीत चुका है लेकिन जिले के किसानों को इसका लाभ नहीं मिल सका।

जिला पंचायत से मिले आंकड़े अधिकारियों की लापरवाही खुद बयां कर रहे हैं। योजना के तहत जिलेभर में 1005 सड़कें स्वीकृत हैं जिनकी कुल लम्बाई 485.54 किमी है। इन 1005 सड़कों की कुल लागत 2186.12 लाख रुपए है।

जिले में वर्तमान में स्थिति ये है कि एक भी किसानों के खेतों तक खेत सड़क नहीं पहुंची है। किसानों से मिले प्रस्ताव के बाद जिला पंचायत द्वारा 11 विकासखंडों में 1005 सड़क के कार्य तो स्वीकृत हैं लेकिन अभी तक किसी का निर्माण पूरा नहीं हुआ। विभागीय जानकारी के अनुसार इनमें से 825 सड़कों का काम चल रहा है।

प्रति किमी लागत 15 से 18 लाख ।
इस योजना के तहत जो सड़कें बनाई जाएंगी उसकी लागत 15 से 18 लाख रुपए प्रति किलीमीटर होगी।
सड़क चार से छह मीटर और गुणवत्ता युक्त ग्रेवल (मुरम) से बनाई जाएंगी ताकि बारिश में परेशानी न हो।
निर्माण की शुरुआत से अंतिम चरण तक सतत रूप से मॉनिटरिंग करने के साथ गुणवत्ता की जांच होगी।

ये है उद्देश्य
किसान ट्रैक्टर, बैलगाड़ी और छकड़े सीधे सरपट और तेज रफ्तार से खेतों तक बिना किसी परेशानी के दौड़ सके और उनकी उपज भंडारण क्षेत्र तक आसानी से पहुंच जाए इस उद्देश्य से केन्द्र और राज्य सरकार ने मनरेगा योजना के तहत खेत सड़क योजना शुरू की है।

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