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विकास की पटरी पर मारवाड़: 120 KM लंबी नई रेल लाइन से बदलेगी राजस्थान की तस्वीर! जानिए बड़े फायदे

New Rail Line In Rajasthan: जोधपुर से पचपदरा रिफाइनरी तक RRTS विकसित किया जा सकता है। यह प्रस्तावित रेल कॉरिडोर करीब 120 किलोमीटर लंबा होगा। जानिए, अगर यह नई रेल लाइन बने तो मारवाड़ को क्या बड़े फायदे होंगे।

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Photo- AI Generated

New Rail Line In Rajasthan: राजस्थान में औद्योगिक कनेक्टिविटी को मजबूती देने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए जोधपुर से पचपदरा रिफाइनरी तक रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) विकसित किया जा सकता है। यह प्रस्तावित रेल कॉरिडोर लगभग 120 किलोमीटर लंबा होगा और जोधपुर शहर को एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी से हाई स्पीड रेल नेटवर्क के माध्यम से जोड़ेगा।

बड़ा आर्थिक लाभ मिलने की उम्मीद

यह परियोजना न केवल क्षेत्रीय विकास को गति देगी बल्कि इंडस्ट्रियल लॉजिस्टिक्स, पेट्रोकेमिकल सप्लाई चेन और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक असर डालेगी। विशेषज्ञों के अनुसार नई रेल लाइन से जोधपुर-बाड़मेर औद्योगिक क्षेत्र को बड़ा आर्थिक लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

जानिए क्या होता है आरआरटीएस

रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) एक आधुनिक रेल आधारित परिवहन व्यवस्था है। इसे शहरी और उपनगरीय क्षेत्रों के बीच तेज, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा के लिए विकसित किया गया है।

इसका उद्देश्य यात्रा के समय को कम करना और सड़कों पर बढ़ते ट्रैफिक के दबाव को घटाना है। इसकी डिजाइन स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटा और औसत परिचालन गति करीब 100 किलोमीटर प्रति घंटा रहती है।

यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए RRTS में आरामदायक चेयर कार सीटें और प्रीमियम कोच भी उपलब्ध हैं। भारत में दिल्ली-मेरठ RRTS, जिसे ‘नमो भारत ट्रेन’ कहा जाता है, इस प्रणाली का पहला बड़ा उदाहरण है।

जोधपुर से पचपदरा रेल लाइन बिछाई जाए तो संपूर्ण मारवाड़ को मिले फायदा

राजस्थान के बाड़मेर जिले में पचपदरा रिफाइनरी को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे ने बालोतरा से पचपदरा तक 11 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन का विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर लिया है। वहीं, जोधपुर से पचपदरा रिफाइनरी तक रेल लाइन बिछाई जाए तो इसका फायदा संपूर्ण मारवाड़ को मिलेगा।

कनेक्टिविटी से तेज होगी आपूर्ति

  • पेट्रोलियम उत्पादों की ढुलाई तेज और निर्बाध होगी।
  • लॉजिस्टिक्स लागत में भारी कमी आएगी।
  • एक साथ बड़े पैमाने पर बल्क लोडिंग और परिवहन संभव होगा।
  • नई रेल लाइन रिफाइनरी को सीधे बालोतरा व आगे मुख्य रेल मार्गों से जोड़ेगी, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों तक उत्पादों की समयबद्ध आवाजाही सुनिश्चित होगी।

Indian Railway: रेलवे को मिलेगा राजस्व

रिफाइनरी का संचालन प्रारंभ होने के बाद प्रतिदिन बड़े स्तर पर होने वाली रेल ढुलाई से भारतीय रेलवे को करोड़ों रुपए का अतिरिक्त वार्षिक राजस्व मिलने का अनुमान है। इसके साथ ही नए वैगन यार्ड, लोडिंग पॉइंट, साइडिंग निर्माण एवं अन्य इंजीनियरिंग कार्यों से भी रेलवे की आय बढ़ेगी।

उद्योग एवं स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ

नई रेल लाइन और रिफाइनरी कनेक्शन के कारण उद्योग व स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।

  • भारी मशीनरी, कच्चा माल, पाइपलाइन उपकरण आदि की आवक तेज होगी।
  • आसपास के क्षेत्रों में पेट्रोकेमिकल आधारित सहायक उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
  • निवेश आकर्षण में वृद्धि होगी और औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
  • परिवहन व्यवसाय, ठेका कार्य, गोदामों और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में नए अवसर पैदा होंगे।
  • स्थानीय स्तर पर निर्माण चरण और परिचालन चरण में हजारों रोजगार अवसर सृजित होने की संभावना है, जिससे अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी।

स्थानीय लोगों को भी आवागमन की मिलेगी सुविधा

करीब 35 वर्ष पूर्व बालोतरा से पचपदरा के बीच रेल सेवा संचालित होती थी, जिससे इस क्षेत्र के लोगों को आवागमन के साथ व्यापारिक गतिविधियों में भी सुविधा मिलती थी। समय के साथ यह सेवा बंद हो गई, जिससे स्थानीय लोगों और उद्योगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अब नई रेलवे लाइन बिछाए जाने की उम्मीद से इस अहम रूट पर एक बार फिर ट्रेनों का संचालन बहाल होने की संभावना मजबूत हो गई है।

यदि बालोतरा-पचपदरा रेल रूट पर नियमित ट्रेनें शुरू होती हैं तो इसका सीधा लाभ क्षेत्र के औद्योगिक और व्यापारिक विकास को मिलेगा। विशेष रूप से माल लदान और परिवहन आसान होगा, जिससे स्थानीय उद्योगों की लागत कम होगी और बाजारों तक पहुंच बेहतर बनेगी। इससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।

बालोतरा से पचपदरा मार्ग पर लगभग 35 साल पहले ट्रेन चला करती थी, जिसे बंद कर दिया गया था और रेलवे ट्रैक भी हटा लिया गया था। अब प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक प्रोजेक्ट पचपदरा रिफाइनरी को अब सीधे रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की तैयारी तेज हो गई है।

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रेलवे बोर्ड से स्वीकृति मिलते ही इस रूट के सर्वे का काम शुरू कर दिया जाएगा। रेलवे सूत्रों के अनुसार, इस सर्वे पर करीब 33 लाख रुपए खर्च होंगे। रिफाइनरी से प्रतिदिन हजारों टन तेल का उत्पादन होगा। यदि इसका आधा हिस्सा भी रेलवे के माध्यम से ढुलाई होता है तो रेलवे को सालाना सैकड़ों करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा।