
रेचल मिचेल और उनके पिता मूरे की फाइल फोटो | Photo- heart.org
CPR Real Story : अचानक मौत आने की खबर अक्सर सुनने को मिल जाती है। कोई डांस करते-करते, कोई खाते-पीते, कोई टीवी देखते या कोई सोते-सोते ही गिर पड़ता है। ऐसी ही एक घटना घटी, एक बेटी के सामने उसके पिता गिर पड़े। इसके बाद लड़की ने हिम्मत के साथ अपने स्किल को आजमाया जो 14 दिन पहले सीखकर आई थी। यकीन, मानिए उस कारण से लड़की ने अपने पिता को मौत के मुंह में समाने से बचा लिया।
जयपुर के फेमस डॉ. गौरव सिंघल (कार्डियोलॉजिस्ट) भी कहते हैं, सीपीआर को लेकर बहुत कम जागरूकता है। यही कारण है कि भारत जैसे देश में "अचानक मौत" की संख्या (Sudden Death) बढ़ रही हैं। क्योंकि, 2% से भी कम भारतीय सीपीआर देने के लिए ट्रेन्ड हैं, जबकि पश्चिम देशों में ये आंकड़ा 18 प्रतिशत तक है।
आइए, इस रियल कहानी के साथ सीपीआर के बारे में समझते हैं-
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, यह कहानी रेचल मिचेल (Rachael Mitchell) और उनके पिता मूरे (Murray) की है। यह एक ऐसी घटना है जो हमें सीपीआर सीखने के लिए प्रेरित करती है।
रेचल मिचेल ने अपनी पूरी जिंदगी में कई बार सीपीआर (CPR) की ट्रेनिंग ली थी। मिडिल स्कूल से लेकर कॉलेज तक, उन्होंने हर दो साल में इसे सीखा। लेकिन जब उन्होंने अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) में 'डेवलपमेंट डायरेक्टर' के रूप में अपनी नई नौकरी शुरू की, तो उन्हें एक ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई।
उस ट्रेनिंग में इंस्ट्रक्टर ने कहा कि अगर आपको कभी सीपीआर करने की आवश्यकता पड़ी, तो 90% संभावना है कि वह व्यक्ति आपका जानने वाला परिवार, दोस्त या सहकर्मी होगा। या कई बार ऐसा भी हो कि वो आपके आसपास को हो। पर रेचल इस बात से अंजान थी कि उसे दो हफ्ते बाद ही ऐसा कुछ देखना पड़ सकता है।
यह घटना 22 दिसंबर 2023 की रात की बताई जाती है। रेचल अपने माता-पिता और भाई जोश के साथ दक्षिण कैरोलिना में छुट्टियां मनाने गई थी। रेचल के पिता, मूरे (68 वर्ष)। पर आपको जानकर ये हैरानी होगी कि वो काफी फिट थे। वे सप्ताह में चार बार दौड़ते थे और रोज 10,000 कदम वॉक भी करते थे।
रात करीब 11 बजे, मूरे अपनी वॉक से लौटकर सोफे पर बैठे। अचानक वे शांत हो गए। उनका चेहरा पसीना से सना था और वे सांस नहीं पा रहे थे। अगर मेडिकल की भाषा में कहें तो उन्हें 'कार्डियक अरेस्ट' आया था। इस कारण आदमी की अचानक मौत हो जाती है।
रेचल कहती हैं कि पापा ने चिल्लाकर बुलाया था। रेचल ने उनको देखकर स्थिति भांप लिया। उन्होंने अपने भाई की मदद से पिता को फर्श पर लिटाया। बता दें, CPR सख्त सतह पर ज्यादा प्रभावी होता है। साथ ही जोश ने आपातकालीन नंबर 911 पर कॉल किया और फोन को स्पीकर पर डाल दिया ताकि रेचल सही लय में 'चेस्ट कंप्रेशन' दे सकें।
वो लगातार 8 मिनट तक अपने पिता के सीने को पंप करती रहीं। यह काम बहुत थका देने वाला था, लेकिन वे रुकी नहीं। जब पैरामेडिक्स वहां पहुंचे, तो उन्होंने AED (डिफाइब्रिलेटर) का इस्तेमाल किया। पहले झटके (Shock) में धड़कन वापस नहीं आई, लेकिन दूसरे झटके और दवा के बाद, एक हल्की सी पल्स (धड़कन) वापस लौटी। इसके साथ ही रेचल के पिता के जीने की उम्मीद भी जागी। ऐसा बहुत कम होता है, पर रेचल की समझदारी के कारण ऐसा हुआ।
जब रेचल के पिता अस्पताल में भर्ती हुए तो जांच में ये बात सामने आई कि उनकी मुख्य धमनी (Artery) में 99% ब्लॉकेज था। डॉक्टरों ने स्टेंट डाला और उन्हें 'मेडिकली इंड्यूस्ड कोमा' में रखा।
इसलिए हार्ट स्पेशलिस्ट कहते हैं कि आप दिखने में चाहे जितने फिट हों, आपको नियमित रूप से जांच कराना चाहिए। ताकि अंदरूनी दिक्कतों का पता चल पाए। कई लोग हर दिन वॉक करके या दौड़कर ये मान लेते हैं कि वो पूरी तरह फिट हैं।
आज मूरे पूरी तरह स्वस्थ हैं। वे फिर से ट्रैक पर दौड़ रहे हैं। साथ ही परिवार के साथ जीवन जी रहे हैं। पर सोचिए कि अगर उनकी बेटी सीपीआर की ट्रेनिंग नहीं ली होती तो फिर क्या पिता को बचा पाती?
डॉ. गौरव के अनुसार, कार्डियक अरेस्ट होने पर दिल तुरंत काम करना बंद करता है। इसलिए, इससे लोग तुरंत मर जाते हैं। अधिकतर मामलों में कार्डियक अरेस्ट होने पर मरीज तुरंत अस्पताल नहीं पहुंच पाता। क्योंकि, पास में ना कोई अस्पताल होता है और ना ही कोई ले जाने वाला। दूसरा कारण, ठीक से CPR नहीं देने के कारण भी मौत हो जाती है।
स्वस्थ दिखने वाले व्यक्ति को भी दिल का दौरा पड़ सकता है। अगर आप नियमित रूप से हेल्थ चेकअप कराते हैं तो इससे अंदरूनी हेल्द इश्यू के बारे में पता चलता है। अगर आपके परिवार में दिल की बीमारी अन्य बीमारियों का इतिहास रहा है तो उस आधार पर भी खुद की जांच कराएं या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
Published on:
25 Dec 2025 09:00 am
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