
छिंदवाड़ा. कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन किया गया है। जिले के सभी रास्तों पर नाकाबंदी की जा चुकी है, ताकी कोई भी बाहर का व्यक्ति जिले में प्रवेश न करें। जिले का निवासी है वह भी बगैर जांच न आ सके। लोगों ने अब डर के कारण गांव और गलियों के रास्तों को भी बंद करना शुरू कर दिया है। रास्तों पर पेड़ और झाडिय़ां रखकर रास्ते ब्लाक कर रहे।
एक गांव के रास्ते को रोकने की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही अब यह चलन में आ चुका है। लोग लगातार ग्रामीण रास्तों को पेड़, पत्थर और झाडिय़ों को रखकर आवाजाही रोक रहे हैं, यह कहीं भारी न पड़ जाएं। इमरजेंसी वाहनों का आना और जाना मुश्किल हो सकता है। अगर किसी गांव या फिर गली और मोहल्ले में दमकल या एम्बुलेंस पहुंचना है, तो वह ऐसी स्थिति में समय पर नहीं पहुंच सकता। जरूरतमंद को समय पर मदद नहीं मिल पाएगी। गांव के लोग अपनी सुरक्षा के लिए यह कदम उठा रहे हैं, लेकिन इसके लिए कोई सरकारी आदेश भी जारी नहीं हुआ है। सबसे खास बात यह है कि जब पूरी तरह से लॉकडाउन है तो गांव के अंदर बाहर का व्यक्ति प्रवेश नहीं करेगा और जो करेगा वह उसी गांव का रहने वाला होगा।
यह किया जा सकता है
गांव के रास्तों को बंद करने से ज्यादा जरूरी है, कि वे प्रशासन की मदद करें। क्षेत्र में बाहर से आने वाले व्यक्ति की सूचना प्रशासन को दें। कोई व्यक्ति व्यापार करने के उद्देश्य से आ रहा है तो उसके बारे में सम्बंधित थाना या फिर पुलिस चौकी में दे सकते हैं। रास्ता बंद भी इस तरह किया जाए कि इमरजेंसी वाहन को आवाजाही में दिक्कत न हो। अपनी सुरक्षा के साथ ही दूसरों की सुरक्षा का भी ध्यान रखें।
कोई आदेश नहीं है
ग्रामीण क्षेत्र के लोग सुरक्षा के लिहाज से ऐसा कदम उठा रहे हैं। शासन स्तर पर ऐसा कोई भी आदेश जारी नहीं हुआ है। एम्बुलेंस की आवाजाही सुचारू हो रही। किसी प्रकार की दिक्कत अभी तक सामने नहीं आई है।
-अतुल सिंह, एसडीएम, छिंदवाड़ा
Published on:
07 Apr 2020 08:33 am
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