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बसंत के मौसम में ही तीखी गर्मी का अहसास, जानिए क्यों बदला मौसम का पैटर्न

ग्लोबल वार्मिंग के अलावा भी अन्य वजह से मौसम में तेजी से आ रहा बदलाव, बीते वर्षों में होली के बाद बनते थे ऐसे हालात

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Global warming

बसंत के मौसम में इस समय तीखी गर्मी का अहसास हो रहा है। सूरज की तपन से दोपहरी में पैदल चलना मुश्किल हो गया है। रात्रिकालीन समय में भी पारा वृद्धि पर है। न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस पर बना हुआ है। पिछले कुछ साल में बसंतकालीन समय में यह बदलाव ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण की उपेक्षा का परिणाम बताया जा रहा है। ये मौसम मुख्यत: पतझड़ का है, जब वृक्ष अपने पत्ते छोड़ देते है। मान्यता है कि बसंत में न तो ज्यादा ठंड का अहसास होता है और ना ही अधिक धूप लगती है। अब तो दोपहरी में अप्रेल-मई की तीखी तपन की स्थिति बन रही है।

यह है मौसम विभाग की भविष्यवाणी

भारत मौसम विज्ञान विभाग भोपाल की जानकारी के अनुसार 22 फरवरी से 26 फरवरी तक साफ बादल रहने एवं मौसम मुख्यत: शुष्क रहने की संभावना व्यक्त की गई है। अधिकतम तापमान 31-32 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 13-14 डिग्री के मध्य रहने, अधिकतम सापेक्षित आद्र्रता 69-73 प्रतिशत एवं न्यूनतम सापेक्षित आद्र्रता 39-43 प्रतिशत रहने तथा आने वाले दिनों में हवा उत्तर-पश्चिम उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशाओं में बहने एवं 7-9 किमी प्रति घंटे की गति से चल सकती है।

किसानों को फसलों की आवश्यकतानुसार सिंचाई करने, उर्वरकों की अनुशंसित मात्रा डालने, फसल की निगरानी तथा रोग-कीटों से बचाव के लिए पौध संरक्षण उपाय करने की सलाह दी गई है।

उत्तर पूर्वी हवा का असर

आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र चंदनगांव के मौसम वैज्ञानिक डॉ.संत कुमार शर्मा ने बताया कि उत्तर पूर्वी हवा के प्रभाव से तापमान में वृद्धि हो रही है। दिन का अधिकतम तापमान 32 डिग्री के आसपास बना हुआ है। उनके मुताबिक अब हवा की दिशा परिवर्तित हो रही है। अब उत्तरी पश्चिमी हवा के प्रभाव से एक-दो दिन में तापमान में गिरावट आएगी।