निगम के स्वास्थ्य निरीक्षक अरुण गढ़ेवाल का कहना है कि डॉग कंट्रोलर एजेंसी के लिए गुजरात की फर्म का नाम फाइनल किया गया है। वर्क ऑर्डर दिए जाते ही एजेंसी शहर में काम शुरू करेगी। गौरतलब है कि इस एजेंसी को फाइनल करने के लिए निगम को पांच बार टेंडर निकालना पड़ा। दो साल पहले जय बगलामुखी संस्था को ठेका दिया था। एडब्ल्यूबीआई के नियम के चलते उसे निरस्त करना पड़ा।
निगम खुद भी इस कार्यक्रम को नहीं कर सका। इसका लाइसेंस भी उसके पास नहीं रहा। इसके चलते श्वानों का नसबंदी कार्यक्रम आगे नहीं बढ़ पाया। फिलहाल नई एजेंसी से डॉग आबादी कंट्रोल होने की उम्मीद की जा रही है।