
health: पेरासिटामोल टैबलेट पर लगा प्रतिबंध, जानें वजह
छिंदवाड़ा/ अब छोटे बच्चों को एंटीबायोटिक पैरासिटामॉल की टेबलेट नहीं खिलाया जाएगा। मध्यप्रदेश स्वास्थ्य संचालनालय ने इस संदर्भ में गाइडलाइन जारी की है, जिसके तहत बच्चों को ड्राप या सीरप दिया जाएगा। बताया जाता है कि राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत किए जा रहे विभिन्न प्रयासों के बावजूद भी बच्चे आंशित अथवा अटीकाकृत रह जाते है। इसके कारण कई तरह के होते है, जिनमें से एक बच्चों में टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव पडऩा, जैसे बुखार आना, हल्का दर्द होना तथा टीकाकरण के बाद सूजन आना आदि शामिल है।
इन समस्याओं के निवारण के लिए स्वास्थ्य वर्कर पालकों को बुखार को नियंत्रित करने के लिए एंटीबायोटिक पैरासिटामॉल की टेबलेट वितरित करते है तथा टेबलेट को छोटे-छोटे भागों में विभाजित कर दूध या पानी में घोलकर बच्चों को दिए जाने की सलाह देते है। ऐसी स्थिति में जरूरत से ज्यादा या कम खुराक मिलने का डर रहता है, क्योंकि टेबलेट के सटीक रूप से समान टुकड़ों में तोडऩा कठिन होता है तथा डोस कम या ज्यादा होने से बच्चों के बीमार होने का भय होता है।
एक्सपर्ट डॉक्टरों की सलाह में लिया गया निर्णय -
बच्चों में अधिक मात्रा में एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग न हो इस उद्देश्य से भारत शासन द्वारा बनाए गए एक्सपर्ट डॉक्टरों के ग्रुप द्वारा वर्तमान में मौजूद लिटे्रचर, नई पद्धतियों के अध्ययन तथा प्रयोगों के आधार पर पैरासिटामॉल टेबलेट के स्थान पर आयु वर्ग के अनुसार पैरासिटामॉल ड्राप या सीरप के रूप में दिया जाना अनुशांसित किया गया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत शासन ने विशेषज्ञों की सलाह को स्वीकारते हुए टीकाकरण के बाद पैरासिटामॉल के उपयोग की ऑपरेशनल गाइडलाइन फील्ड में लागू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए है।
शासन ने ब्लाकवार मांगी डिमांड -
मप्र संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं के अपर संचालक डॉ. संतोष शुक्ला के निर्देशानुसार जिले के कुल वार्षिक नियमित टीकाकरण सत्रों के आकलन के आधार पर जन्में शिशु संख्या अनुसार पैरासिटामॉल ड्राप या सीरप का ब्लाकवार आवश्यकता प्रेषित करने के लिए कहा गया है। इससे पीआइपी वर्ष 2020-21 के लिए बजट एवं प्रोक्योरमेंट सम्बंधि उचित आवश्यक गतिविधि राज्यस्तर से संचालित हो सके।
Published on:
15 Feb 2020 12:10 pm
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