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इस एप का उपयोग नहीं किया तो रूकेगा वेतन, जानें कैसे…

नए सत्र से प्रभावी होगा ‘एम-शिक्षा मित्र’ का उपयोग, स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किए निर्देश

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इस एप का उपयोग नहीं किया तो रूकेगा वेतन, जानें कैसे...

इस एप का उपयोग नहीं किया तो रूकेगा वेतन, जानें कैसे...

छिंदवाड़ा. स्कूल शिक्षा विभाग के मोबाइल गवर्नेंस प्लेटफार्म ‘एम-शिक्षा मित्र’ के प्रभावी क्रियान्वयन की योजना बनाई है। इसके चलते नए शैक्षणिक सत्र से इस योजना को लागू करने का निर्णय लिया गया है। इस संदर्भ में मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश भी जारी कर दिया है। आदेश में कहा गया कि एम शिक्षा मित्र एप का उपयोग विभाग के सभी कार्यालयों तथा स्कूलों में अनिवार्य रूप से किया जाना है। हालांकि ३१ मार्च २०१८ तक इसका उपयोग प्रायोगिक तौर पर करने तथा एक अप्रैल से अनिवार्य रूप से उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।

बताया जाता है कि उक्त एप के आधार पर ही उपस्थिति या जानकारी अनुसार वेतन जनरेट किया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी आरएस बघेल ने बताया कि इंटरनेट युक्त स्मार्ट फोन की सहज उपलब्धता को संज्ञान में लेते हुए विभाग द्वारा एजुकेशन पोर्टल पर उपलब्ध सभी सुविधाएं या सेवाओं को चरणबद्ध रूप से एप के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए एनआईसी के सहयोग से ‘एम-शिक्षा मित्र’ एप को एम-गवर्नेंस प्लेटफार्म के रूप में विकसित किया गया है।


अपडेट करना होगा एप


एप के उपयोग के लिए सभी शैक्षिक एवं गैर शैक्षिक अधिकारियों, कर्मचारियों के मोबाइल नम्बर एजुकेशन पोर्टल पर अपडेट करना आवश्यक होगा। सभी सम्भागीय संयुक्त संचालक, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक, मोबाइल नंबर एजुकेशन पोर्टल पर अपडेट संकुल प्रभारी से कराने की कार्यवाही करेंगे।


एम-शिक्षामित्र से ये मिलंेगी सुविधाएं


१. सभी शालाओं की प्रोफाइल, नामांकन, पदस्थ शिक्षक/अमला, सुविधाएं, अधोसरंचना, लोकेशन, शाला में दर्ज विद्यार्थियों की सूची, शाला को राज्य से जारी प्राप्त राशि आदि।
२. पे-स्लिप, अवकाश आवदेन पंजीयन, ई-सेवा पुस्तिका, शिक्षकों की विभागीय एवं सेवा संबंधित शिकायतों का पंजीयन एवं ट्रैकिंग।
३. राज्य, सम्भाग, जिला, ब्लॉक व संकुलस्तर के कार्यालयों से जारी आदेश।
४. विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी।
५. विद्यार्थियों की दैनिक उपस्थिति, सुविधाओं जैसे छात्रवृत्ति, साइकिल वितरण आदि का स्टेट्स, टै्रकिंग, विद्यार्थियों का आगामी कक्षा में प्रमोशन आदि।
६. अधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों की दैनिक उपस्थिति तथा किसी भी स्थान के पास संचालित सभी स्कूलों का मेप पर प्रदर्शन।
७. निशुल्क एसएमएस तथा आरटीई अंतर्गत मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों का विवरण, ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से आवंटित सीट, एडमिशन आदि।
८. सभी स्तर के कार्यालयों की मॉनिटरिंग व रिपोर्ट की जानकारी।