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Illegal mining: वैध ठेकेदार पर ही अवैध खनन के तीन प्रकरण, सभी निर्णय लम्बित

नियमों को खुद ही भुलाकर किया था खनन और भंडारण, सभी मामलों में निर्णय लम्बित

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chhindwara

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छिंदवाड़ा। वैसे तो खनिज विभाग द्वारा अवैध रेत खनिज के भंडार और रेत के अवैध उत्खनन के मामले पकड़े जाते हैं, लेकिन कई बार खुद जिसे रेत खनन, परिवहन एवं भंडारण का ठेका मिला हुआ है वह खुद भी वैध अवैध का फर्क नहीं कर पाते और खनिज नियमों का उल्लंघन करते हुए प्रकरण में उलझ जाते हैं। ऐसे ही जिलेभर में रेत खनन का ठेका लिए हुए वैध ठेकेदार शिशिर खंडार पर तीन मामले दर्ज हुए। मामलों को दर्ज किए करीब-करीब एक साल हो रहा है, लेकिन अब तक इन मामलों में सुनवाई ही चल रही है।

रेत के अवैध भंडार का पहला मामला दमुआ में दिसम्बर 2020 को रामपुर के समीप रेत का विशाल जखीरा मिला। दूसरा मामला मई 2021 में सौंसर के पास रामपेठ माल में दर्ज हुआ। इसमें शिकायतकर्ता द्वारा जानकारी देने पर खनिज विभाग की टीम ने निर्धारित क्षेत्र से अधिक खुदाई करने का मामला बनाया। तीसरा मामला भी मई 2021 के अंतिम सप्ताह में ही मिला। जब चांद में खनिज राजस्व एवं पुलिस विभाग के दल द्वारा शिकायत मिलने पर आकस्मिक निरीक्षण किया गया। खनिज ठेकेदार के प्रतिनिधियों के द्वारा पेंच नदी पर स्थित पुल के 200 मीटर के दायरे में ही रेत का खनन किया जा रहा था, जो कि अवैध खनन की श्रेणी में आता है।

भोपाल में होती है सुनवाई
खनिज विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वैध ठेकेदार द्वारा जब कभी खनन के नियमों का उल्लंघन करने का मामला सामने आता है तो प्रकरण दर्ज करने के बाद उसे कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत तो किया जाता है, लेकिन वहां से उस मामले को भोपाल खनिज निगम को रैफर कर दिया जाता है। वहां मामले की सुनवाई खनिज निगम के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की जाती है। इसमें कई बार निर्णय बड़े ही सख्त होते हैं।

इनका कहना है
जिले के वैध ठेकेदार पर बने प्रकरणों पर सुनवाई का क्षेत्राधिकार भोपाल खनिज निगम के पास होता है। दी गई तारीखों में सुनवाई के बाद वे ही निर्णय देते हैं। अब तक किसी भी प्रकरण में निर्णय नहीं हुआ है।
मनीष पालेवार, जिला खनिज अधिकारी