11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को किया याद

तरह विश्व के महानतम खिलाडिय़ों और भारतीय हॉकी में वे अजर-अमर हो गए।

2 min read
Google source verification
Major Dhyanchand Birth anniversary

Major Dhyanchand Birth anniversary: ध्यान सिंह से ऐसे बने थे ध्यानचंद

छिंदवाड़ा. जुन्नारदेव. हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के जन्म दिवस को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी कड़ी में नगर के शासकीय महाविद्यालय जुन्नारदेव में प्रभारी प्राचार्य डॉ. वीपी सिंह के मार्गदर्शन में खेल दिवस पर कार्यक्रम हुए।
इस दौरान महाविद्यालय स्टॉफ से डॉ. पी. अजवानी, डॉ. एके. तांडेकर, डॉ. संगीता वाशिंगटन, प्रो. आरडी वाडिवा, प्रो. आरके चन्देल, डॉ. रश्मि नागवंशी सहित क्रीड़ा अधिकारी शिवराम नंदवंशी, खेल सहायक संजय सहित महाविद्यालय का समस्त स्टॉफ एवं छात्र/छात्राएं उपस्थित थे। सर्वप्रथम मेजर ध्यानचंद को याद कर उनके छायाचित्र पर पुष्प् अर्पित करने के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान क्रीड़ा अधिकारी ने मेजर ध्यानचंद के जीवन के बारे में उपस्थित जनसमूह को बताया। देश को तीन-तीन ओलिंपिक स्वर्ण पदक दिलाने वाले मेजर ध्यानचंद देश के महानतम खिलाड़ी माने जाते हैं। कहा जाता है कि मैच के दौरान गेंद हर समय ध्यानचंद की स्टिक के साथ चिपकी रहती थी। यह देखकर दर्शक आश्र्यचकित रह जाते थे, लेकिन कुछ अधिकारियों को बीच में संदेह होने लगा कि कहीं ध्यानचंद की स्टिक में कोई ऐसी वस्तु तो नहीं लगी है, जो बराबर गेंद को अपनी ओर खींचे जाती है। बात बढ़ गई। सैनिक को दूसरी स्टिक से खेलने को कहा गया, लेकिन जब दूसरी स्टिक से भी ध्यानचंद ने दनादन गोल दागे तो जर्मन अधिकारियों को विश्वास हो गया कि जादू स्टिक का नहीं उनकी लोचदार और सशक्त कलाइयों का है। लोगों ने वहीं से ध्यानचंद को 'हॉकी का जादूगर' कहना शुरू कर दिया। 1936 के ओलम्पिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम ने कुल मिलाकर 38 गोल किए जिनमें से 11 गोल मेजर ध्यानचंद ने ही दागे। इस तरह विश्व के महानतम खिलाडिय़ों और भारतीय हॉकी में वे अजर-अमर हो गए।
टीटी और बैडमिंटन प्रतियोगिता आयोजित
महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के लिए टेबल टेनिस और बैडमिंटन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें दर्जनों विद्यार्थियों ने भाग लिया वहीं महाविद्यालय स्टॉफ ने भी टेबल टेनिस और बैडमिंटन में अपना हुनर दिखाया। विजेता खिलाडिय़ों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय स्टॉफ से मुख्य लिपिक पीएस उईके, एनएल वासनिक, मनोज मालवीय, मो. वसीम, डॉ. आर. सोनपुरे, डॉ. शीलावंती मसकरे, अनामिका सिंह ठाकुर, नीलू कहार, गनबाई डावर, एस. वरवड़े, सुधीर साहू, पुष्पा बरडे, डॉ. सुप्रिया साहू, आदि मौजूद रहे।