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मॉक ड्रिल…जब फैक्टरी में लगी आग, बुझाने दौड़़ा रेस्क्यू दल

आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखने बड़े औद्योगिक परिसर में रासायनिक औद्योगिक आपदा पर हुआ मॉक अभ्यास

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आपदा की स्थिति में प्रशासन की तत्परता और समन्वय की क्षमता को परखने रासायनिक औद्योगिक आपदा पर आधारित यह अभ्यास बुधवार प्रात: 9.40 बजे से 11.30 बजे तक एक बड़े औद्योगिक परिसर में किया गया। इस दौरान इंसीडेंट कमांडर एडीएम केसी बोपचे, पुलिस से ऑपरेशन सेक्शन चीफ समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।


औद्योगिक परिसर में निर्धारित फायर एण्ड एक्सप्लोजन मॉकड्रिल एक्सरसाइज का कथानक यह था कि जिला छिन्दवाड़ा के एक बड़े औद्योगिक परिसर में 7000 हजार लीटर क्षमता वाले विशाल डीजल टैंक की पाइप लाइन में लीकेज हुआ। फैक्ट्री में टैंक के पास वेल्डिंग का कार्य चल रहा था, वेल्डिंग की एक स्पार्क, लीकेज डीजल के पास गिर जाने से प्रात: लगभग 9.40 बजे आगजनी का हादसा हो गया। फैक्ट्री के अधिकारी ने प्लांट में कार्यरत् कर्मियों तथा आस-पास के रहवासी क्षेत्रों को आग लगी होने की सूचना देने सायरन बजाना शुरू किया गया। सायरन की आवाज एवं फैक्ट्री के ऊपर आग की लपटों (काल्पनिक) एवं धुएं को देखकर चारों तरफ अफरा-तफरी फैल गई और लोग बदहवास से भागने लगे।


आगे औद्योगिक परिसर की बचाव टीम तत्काल हरकत में आई और सर्वप्रथम फैक्ट्री की इलेक्ट्रिक सप्लाई बंद कर आग बुझाने का काम चालू किया। आग के भयावह व बड़े स्वरूप के होने के कारण फैक्ट्री के अधिकारियों ने यथाशीघ्र जिले के रिस्पांसिबल अधिकारी (जिला कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी) को इस आग की सूचना दी। साथ ही कंट्रोल रूम एवं राज्य आपदा प्रबंधन के टोल फ्री नंबर 1079 पर घटना के बारे में अवगत कराया। स्थानीय अन्य संसाधनों के उपलब्ध होने तक फैक्ट्री का बचाव दल आग बुझाने में जुटा रहा। आगे रेक्स्यू टीम ने अन्य इंतजाम किए।

मेसर्स-भंसाली इंजीनियरिंग, पॉलीमर्स लिमिटेड, सौंसर (जिला पांढुर्णा) ने प्रॉक्सिमिटी सूट उपलब्ध कराए। जिससे रेस्क्यूअर जलती आग के बीच में अंदर गये और थोड़ी देर बाद बाहर आकर बताया कि अंदर अभी और आग बुझाने की आवश्कता है एवं किसी बंद कमरे में मदद के लिए चिल्लाने की आवाज आ रही थी। प्रयास करने पर भी उस कमरे का दरवाजा नहीं खोला जा सका।


इंसीडेंट कमाण्डर के द्वारा घटनास्थल के निकट सुरक्षित स्थान पर राहत कैप चिन्हित किया गया। उनके निर्देश पर तहसील स्तर के इंसीडेंट कमांडर के द्वारा कोटवारों की मदद से आस-पास की आवासीय बस्ती को खाली कराया गया और चिन्हित राहत कैंप में पहुंचाया गया। पुलिस के अधिकारी यातायात व्यवस्था एवं कानून व्यवस्था करते रहे। स्थानीय मेडिकल टीम भी घटना स्थल पर पहुंच चुकी थी। टीम ने साधारण घायल लोगों को प्रथमोपचार केंद्र से फस्ट एड दिया। प्रात: लगभग 10.18 बजे तक पूरी कैजुअलिटी बाहर निकाल ली गई थीं, जिसके बाद ट्रैफिक को खोल दिया गया।
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