छिंदवाड़ा. शहर के मोक्षधाम में कोई भी दिन ऐसा नहीं बीतता जब यहां कोई चिता नहीं जलती हो। औसतन दो शवों का अंतिम संस्कार यहां हर दिन किया जाता है। अंतिम संस्कार के बाद अगले दिन अस्थियां जुटाई जाती हैं। इन अस्थियों को मटकी में भरकर सफेद, लाल या पीले कपड़े से बंद कर देते हैं। इसके बाद इन्हें मोक्षधाम के लॉकर में रख दिया जाता हैं।