
Monitoring work now with the help of the app
छिंदवाड़ा. खेतों में फसलों के कटाई प्रयोग के लिए नया तरीका सरकार ने अपनाया है। अब इधर खेत में फसल कटी और तुरंत उसकी जानकारी विभाग के आला दफ्तर तक पहुंच जाएगी। यह सब हो रहा है एप के जरिए।
केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय में फसलों के कटाई प्रयोग पर नजर रखने और उसकी जानकारी तुरंत हासिल करने के लिए एक एप बनाया है। अब फसल कटाई, उससे सम्बंधित फोटो और अन्य जानकारियां विभाग तक जल्द और सही-सही पहुंचेगी। रबी की फसल अब खेतों में कटने के लिए तैयार हो रही है। इधर जिले में फसलों का प्रति हैक्टेयर संभावित उत्पादन कितना हुआ है इसे देखने के लिए फसल कटाई प्रयोग भी कृषि और राजस्व विभाग मिलकर करेगा। यह काम अब इसी एप के जरिए होगा। फसल कटाई प्रयोग में इस जरिए काम करने से पारदर्शिता भी आएगी।
पारदर्शिता भी रहेगी
इस एप से काम करने के कारण एक तो प्रयोग करने वाले घर बैठे आंकड़े नहीं भर पाएंगे। कई जगह फर्जीवाड़ा होने की सूचनाएं भी विभाग के पास पहुंचती रहीं हैं। फ सल कटाई के प्रयोग और उसके परिणामों को अफसर और कर्मचारी कहीं भी बैठकर देख सकेंगे, चाहे देश में रहें या विदेश में लगाई गई फसल और उसका क्षेत्र भी इससे देखा जा सकेगा। सबसे मुख्य अफसर और कर्मचारी गलत जानकारी नहीं भर पाएंगे।
इसलिए बनाया एप
अधिकारियों का कहना है कि फ सल कटाई प्रयोगों को लेकर कई बार विवाद की स्थिति बनती है। फ सल बीमा कराने के बाद उसकी क्षतिपूर्ति की राशि भी फसल कटाई प्रयोग और उससे मिलने वाले आंकड़ों के आधार पर होती है। इसलिए यह एप बनाया गया। क्रॉप कटिंग एक्सपीरिमेंट के नाम से बने इस एप को गूगल प्ले स्टोर से अपलोड करना पड़ता है। इसके बाद भू-अभिलेख से कोड और पासवार्ड मिलेगा। उसके बाद कटाई प्रयोग किया जा सकेगा।
मौके से ही डाली जाएंगी तस्वीरें
गांव व खेत में जाकर सबसे पहले देशांतर अक्षांतर रेखाएं मिलाई जाएंगी। इसके बाद खेत की फ ोटो ली जाएगी। उस खेत में फ सल कटाई वाले स्थान की फ ोटो लेकर डाली जाएगी। इसके बाद फ सल कटाई प्रयोग होगा। फसल कटाई प्रयोग करते समय मौके से ही खेत, फ सल कटाई क्षेत्र, उसके वजन की तस्वीरें एप पर डाली जाएंगी। इससे मॉनिटरिंग करना भी आसान रहेगा। दूसरा आवश्यक जानकारी और फोटोग्राफ्स तुरंत ही सम्बंधित सेक्शन में पहुंच जाएंगे। इससे समय भी बचेगा।
एप से फ सल कटाई का प्रयोग उत्पादन और अन्य जानकारियां सही जानकारी के लिए शुरू हुआ है। स्थल से फोटोग्राफ भी डलते हैं। जानकारी जल्द अपलोड करने से काम की गति बढ़ेगी इसके परिणाम अच्छे दिखेंगे।
केपी भगत, उपसंचालक, कृषि विभाग छिंदवाड़ा
Published on:
25 Feb 2018 11:34 am
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