
नागद्वार यात्रा...सतपुड़ा की पहाडिय़ों की कठिन चढ़ाई के बाद होते हैं दर्शन
छिंदवाड़ा. आगामी 2 अगस्त नागपंचमी के करीब आते ही सतपुड़ा अंचल की रोमांचक और धार्मिक नागद्वार यात्रा शुरू हो गई है। इस यात्रा में छिंदवाड़ा समेत आसपास के जिलों के श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं। सतपुड़ा के ऊंचे पेड़ नदियां, पहाड़ एवं झरनों को पार करते हुए लगभग 12 किमी की यात्रा लगातार 11 दिनों तक चलेगी।
छिंदवाड़ा से देखा जाए तो यात्रा के लिए पहले पचमढ़ी पहुंचना पड़ेगा। यहां धूपगढ़ गणेश टेकरी प्वाइंट से पैदल काजली, पश्चिम द्वार, पदमशेष द्वार और अंबामाई तक यात्रा करनी पड़ेगी। अंबामाई यात्रा का अंतिम पड़ाव माना जाता है। स्वर्गद्वार तक पहुंचने के लिए दो पहाडिय़ों के बीच लोहे की खड़ी सीढिय़ां लगाई गई हैं।
बताया जाता है कि नागद्वार की यात्रा करते समय ऊंचे पहाड़ों पर गुफाएं दिखाई देती है। यात्रा के दौरान रास्ते में देनवा नदी सहित करीब 20 छोटे-छोटे नाले पड़ते हैं। जिनको पार करते हुए जाना होता है। इस पहाड़ी नालों के कलरव के बीच ऊंचे पहाड़ों के झरने मन मोह लेते हैं। नागद्वार की गुफा करीब 35 फीट लंबी है। नागद्वार मेला 23 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है। कोरोना काल में दो साल मेला बंद रहा। इस बार मेले में श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचेंगे।
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पचमढ़ी में 11 दिवसीय नागद्वारी मेला आज से
नर्मदापुरम जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पचमढ़ी में इस वर्ष नागद्वारी मेला शनिवार 23 जुलाई से शुरू होगा। 11 दिवसीय मेले का समापन 3 अगस्त को होगा। शुक्रवार को कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने पचमढ़ी पहुंचकर मेला स्थल के सभी पाइंटों का भ्रमण कर बारीकी से निरीक्षण किया। मेला अवधि के दौरान पचमढ़ी में साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। पॉली थिन व प्लास्टिक के उपयोग पर पाबंदी रहेगी। खानपान की दुकानों में निर्मित खाद्य सामग्री का प्रतिदिन नमूना लिया जाए। मिलावटी खाद्य पदार्थों के विक्रेताओं के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने अधिकारियों से सभी पॉइंट्स पर अधिकारियों को चाकचौबंद व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मेला अवधि में निर्धारित पॉइंट्स पर चिकित्सा की भी बेहतर व्यवस्था करने और अवैध शराब के विक्रय के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी।
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Published on:
23 Jul 2022 07:03 am
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