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Municipal Corporation: नए आयुक्त को मिला कांटों भरा ताज, अभी शुरू नहीं होंगे नए काम

Municipal Corporation: सौंदर्यीकरण की दस करोड़ से ज्यादा उधारी, निगम का खजाना भी खाली

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New Commissioner Himanshu Singh gets crown of thorns

New Commissioner Himanshu Singh gets crown of thorns

छिंदवाड़ा/ पिछले डेढ़ साल में शहर सौंदर्यीकरण के नाम पर सडक़,नाली और पार्क उधारी में बना लिए गए, लेकिन उनका भुगतान नहीं किया गया है। अब हर दिन ठेकेदारों के उधारी वसूलने के तगादे और निगम का खाली खजाना नए आयुक्त हिमांशु सिंह के लिए चुनौती बन गया है। कोरोना संक्रमणकाल में निगम टैक्स में आई कमी भी परेशान करने वाली साबित हो रही है।
निगम के मुताबिक वर्ष 2018 के अंतिम समय प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद नगर निगम में शहर सौंदर्यीकरण के नाम पर सडक़ किनारे दस करोड़ रुपए के बोर्ड लगाए गए तो वहीं फव्वारा चौक, इंदिरा तिराहा, प्रियदर्शिनी पार्क का सौंदर्यीकरण कराया गया। सीएम अधोसंरचना मद से खापाभाट, नोनिया करबल, सोनपुर रोड समेत अन्य के 35 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए। 33 करोड़ रुपए की मिनी स्मार्ट सिटी का भूमिपूजन किया गया। इसके अलावा छोटे-छोटे स्थान पर सडक़, नाली और पार्क भी बनाए गए। स्वच्छ भारत अभियान के तहत भी सौंदर्यीकरण के काम हुए। तत्कालीन अधिकारियों ने उस समय की सत्ता के दबाव में बोर्ड समेत अन्य काम के करोड़ों रुपए के भुगतान चहेते ठेकेदारों को किए। जिनसे उनकी बनी, उसके बिल भुगतान रोक दिए। मार्च से मई तक लागू लॉकडाउन में निगम की ये अंदरूनी स्थिति सामने नहीं आ सकी। तीन दिन पहले जब निगम आयुक्त बतौर हिमांशु सिंह ने पदभार सम्भाला, तब से निगम पर बकाया और खाली खजाना की जानकारी सार्वजनिक होने लगी है।

20 करोड़ बकाया, नहीं आ रहा बजट
नि गम के एक बड़े ठेकेदार का दावा है कि निगम में कराए गए निर्माण कार्यों की बकाया राशि करीब बीस करोड़ रुपए है। कुछ निर्माण कार्य के बिल ही नहीं बनाए गए। भुगतान के दावेदार छोटे-बड़े सौ ठेकेदार हैं। उधर, राज्य सरकार से निगम में बजट राशि भी नहीं आ रही है। उन्हें सीमेंट, रेत और गिट्टी सप्लायर्स तंग कर रहे हैं।
चुंगी क्षतिपूर्ति आई तो कुछ कर्मचारियों का वेतन
राज्य शासन द्वारा जून में चुंगी क्षतिपूर्ति राशि 1.21 करोड़ रुपए दिया गया तो निगम द्वारा अधिकारी-कर्मचारियों का करीब 1.75 करोड़ रुपए का वेतन दिया गया। 50 लाख रुपए अलग टैक्स से मिलाने पड़े। अभी दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का करीब 70 लाख रुपए का भुगतान बचा है।

इनका कहना है
नगर निगम में बजट का संकट और पुराने प्रोजेक्ट की उधारी चुनौती है। हम स्थानीय संसाधन और शासन की राशि से इससे निपटने का प्रयास करेंगे।
-हिमांशु सिंह, आयुक्त नगर निगम