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नर्सिंग छात्राओं ने खोला मोर्चा, इसके विरोध में हुई एकत्रित

नर्सिंग छात्राओं ने सीएस से मांगी सुरक्षा, सोनोग्राफी के लिए फिर मचा बवाल

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Nursing girls opened the protest, gathered in protest

Nursing girls opened the protest, gathered in protest

छिंदवाड़ा. जिला अस्पताल के सिविल सर्जन सह अधीक्षक के अधीनस्थ संचालित जीएनएम नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्र की छात्राओं का आक्रोश प्रबंधन के विरोध में फूट पड़ा। इन्होंने असुरक्षा और दुव्र्यवहार किए जाने को लेकर सिविल सर्जन डॉ. सुशील राठी को सोमवार दोपहर एक बजे ज्ञापन सौंपा। नर्सिंग छात्रा सृष्टि कोल्हे ने बताया कि ओपीडी में मरीज के अटेंडरों द्वारा कई बार अभद्रता की गई तथा मारने का प्रयास किया।

इसकी शिकायत की तो भी विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की, न ही सुरक्षा को लेकर ओपीडी में कोई सुरक्षा कर्मी मौजूद था। वार्डन भी छात्राओं से उचित ढंग से बातें नहीं करती तथा कुछ बोलों को छात्राओं पर ही आरोप लगाती है। छात्राओं ने बताया कि नियमित स्टाफ से ज्यादा उसने ड्यूटी कराई जाती है तथा बीमार पडऩे पर छुट्टी लो तो उनका मानदेय भी काट लिया जाता है। इस अवसर पर प्रथम तथा द्वितीय वर्ष की जीएनएम छात्राएं मौजूद थीं।


मरीज बढऩे से बिगड़े हालात


जिला अस्पताल के सोनोग्राफी विभाग में जांच नहीं होने पर सोमवार सुबह करीब 11 बजे मरीजों में आक्रोश बढ़ गया। इसके चलते गुस्साएं मरीजों और परिजन ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके कारण कुछ समय के लिए विभाग में तनाव की स्थिति निर्मित हुई। बताया जाता है कि सप्ताह के शुरुआत तथा गर्भवती महिलाओं का जांच दिवस होने से बड़ी संख्या में मरीज आए थे।

मरीजों की कतार लगी हुई थी। वहीं कुछ मरीजों को जांच के लिए तारीख दी गई। स्थिति यह है कि प्रतिदिन जांच की वेटिंग 24 मरीज है जबकि एक मशीन की क्षमता 30 जांच प्रतिदिन करना है। विभाग में दो मशीन है, लेकिन अत्याधिक मरीजों के पहुंचने से बार-बार हालात बिगड़ जाते हंै।