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राशन के लिए जंगल और नदी को करना पड़ता है पार

पांच किमी जंगल, कच्चा रास्ता और बीच में नाला। इन बाधाओं को पार कर रैयतवाड़ी ढाना, डुडेवानी, ढोलनखापा और सिल्लेवानी के ग्रामीणों को राशन और अन्य जरूरतों के लिए लेंढोरी जाना पड़ता है।

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One has to cross forest and river to get ration.

छिंदवाड़ा/पांढुर्ना. ग्राम रैयतवाड़ी ढाना, डुडेवानी, ढोलनखापा और सिल्लेवानी के ग्रामीणों को आज भी बारिश के दिनों में नाला पार कर दूसरे गांव जाना पड़ता है। नाले में पानी के तेज बहाव की वजह से हादसे की आशंका रहती है। पांच किमी जंगल, कच्चा रास्ता और बीच में नाला। इन बाधाओं को पार कर रैयतवाड़ी ढाना, डुडेवानी, ढोलनखापा और सिल्लेवानी के ग्रामीणों को राशन और अन्य जरूरतों के लिए लेंढोरी जाना पड़ता है।बारिश में जंगल और तेज बहाव के नाले की वजह से हादसे की आशंका रहती है। गांव वाले मोटरसाइकिल या छोटे बच्चों को सिर पर बिठा कर तेज बहाव में नाला पार करते है। अधिक बारिश की स्थिति में गांव वालों को पानी उतरने की राह देखनी होती है। लेंढोरी के देवांग पाठे ने बताया यहां पुलिया निर्माण के लिए कई बार मांग कर चुके है, लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा। उन्होंने जिम्मेदारों से जल्द पुलिया निर्माण कराने की मांग की है। ग्राम पंचायत खापा स्वामी के रेलवे गेट सडक़ के बीच गड्ढे हो गए है । वाहन चालकों को आवागमन में परेशानी होती है। दुर्घटना का डर बना रहता है। इस सडक़ से २४ घंटे भारी वाहनों का आना जाना लगा रहता है।