
एक ही नम्बर से दौड़ रहे एक अधिक ट्रक और डम्पर, क्या है मामला पढ़ें यह खबर
छिंदवाड़ा. एक ही नम्बर के दो से अधिक वाहन जिले की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या भारी वाहनों की है। ऐसा ट्रांसपोर्टर कई तरह की चोरियां कर शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के लिए करते हैं। वर्तमान में इस तरह के वाहनों का सबसे अधिक उपयोग रेत सप्लाई के लिए किया जा रहा है इसके पीछे की कई वजहें है।
एक डम्पर के नम्बर से रॉयलटी कटवाने के बाद उसी नम्बर के दो या फिर तीन ट्रक रेत का परिवहन करते हैं, इससे सम्बंधित डम्पर के मालिक को अन्य डम्पर के लिए रॉयलटी कटवाने की आवश्यकता नहीं होती। इसके साथ ही वाहनों में ओवर लोडिंग भी आसानी से हो जाती है। फिलहाल एक ही नम्बर के दो या इससे अधिक चलने वाले ट्रकों और डम्परों की संख्या सबसे अधिक सौंसर एवं परासिया में बताई जा रही है। जिला मुख्यालय पर भी कई ऐसे ट्रक और डम्पर मिल जाएंगे जिनके नम्बरों में हेराफेरी होती है। ऐसे वाहनों के संचालन के पीछे का मकसद वाहन मालिक का टैक्स चोरी से लेकर अन्य कारण भी हो सकते हैं, लेकिन ट्रकों की जांच नहीं होने के कारण कभी ट्रक और डम्पर परिवहन विभाग के हाथ नहीं लगते हैं, क्योंकि यहां तो ओवर लोडिंग की कार्रवाई भी सिर्फ खानापूर्ति के लिए की जाती है ताकि बताया जा सके कि ओवर लोडिंग के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाती है, किन्तु जमीनी हकीकत कुछ और ही है। परिवहन विभाग की अभी तक ट्रकों के खिलाफ जांच और कार्रवाई सामने नहीं आई है, यह कई सवाल खड़े करती है।
छिंदवाड़ा में पकड़े जा चुके हैं ऐसे वाहन
जिला मुख्यालय सहित परासिया में पुलिस की कार्रवाई के दौरान कुछ साल पहले एक ही नम्बर के दो से अधिक ट्रक सड़क पर चलते पकड़े गए थे। दरअसल यह कार्रवाई भी उस वक्त हुई थी जब पुलिस वाहनों की जांच कर रही थी और अचानक एक नम्बर के दो ट्रक पुलिस की नजर में आए। पूछताछ के दौरान पुलिस को मिले साक्ष्य के आधार पर जांच और छानबीन चोरी के ट्रक होना भी सामने आया था। हालांकि इस तरह के वाहनों का आसानी से पता लगाना भी मुश्किल होता है, लेकिन परिवहन विभाग और पुलिस वाहनों की जांच के दौरान या फिर खुफिया तंत्र सक्रिय कर जानकारी जुटा सकता है।
अभी तक शिकायत नहीं मिली
एक ही नम्बर के दो वाहनों के संचालित होने सम्बंधित अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर ऐसा कोई मामला सामने आता है या फिर जानकारी मिलती है तो कार्रवाई जरूर की जाएगी, हो सकता है रॉयल्टी बचाने के लिए कोई ऐसा कर भी रहा हो, किन्तु हम तक इसकी जानकारी नहीं पहुंची है।
-निशा चौहान, अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, छिंदवाड़ा
Published on:
04 Mar 2022 12:24 pm
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