छिंदवाड़ा. भादो सुदि पंचमी से शुरु हुए पर्यूषण पर सकल दिगंबर जैन समाज दशलक्षणों के माध्यम से पर्वाधिराज की मंगल आराधना कर रहा है। सप्तमी के दिन गुरुवार को उत्तम आर्जव धर्म की आराधना करते हुए इसे जीवन में अंगीकार करने का संकल्प लिया। दशलक्षण महापर्व पर उत्तम आर्जव दिवस के उपलक्ष्य में गोलगंज स्थित आदिनाथ जिलनालय में दिगंबर जैन मुमुक्षु मंडल और अखिल भारतीय जैन युवा फेडरेशन के तत्वावधान में चंवर नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
बच्चों ने सुंदर प्रस्तुति कर सभी का मन मोह लिया। स्वाध्याय भवन गोलगंज में कोटा से पधारे पं.जयकुमार जैन ने प्रवचन में कहा कि में आर्जव अर्थात सरलता। इसकी विरोधी कपाय माया अर्थात मायाचारी है। हम पूजा में पढ़ते हैं सरल स्वाभावी होय ताके घर बहु सम्पदा अर्थात जो व्यक्ति सरल होता है उसका लोक में यश भी होता है और उसके घर लक्ष्मी का निवास भी होता है।
उन्होने कहा कि दशलक्षण पर्व अपने को पहचानने का महोत्सव है। मै कौन हूं, कहां से आया हूं, मेरा क्या कत्र्तव्य है और मुझे कहां जाना है इन सबका विचार इन पवित्र दिनों में करना है।
आज होगी उत्तम सत्य धर्म की आराधना
आज भादों सुदि अष्टमी 9 सितम्बर को सकल दिगंबर जैन समाज धर्म के चौथे लक्षण उत्तम सत्य धर्म की मंगल आराधना करेंगे।