छिंदवाड़ा . जिले के पंचायत सचिवों की ट्रांसफर सूची भले ही स्थगित कर दी गई हो लेकिन उसका गुस्सा सत्तारूढ़ जिला पंचायत सदस्यों ने मंगलवार को हुई जिला पंचायत की सामान्य सभा में दिखाया। चौरई विधायक रमेश दुबे ने भी उनकी फाइलों पर कार्यवाही न होने पर तीखे तेवर दिखाए। सीईओ ने आरोपों के जवाब भी दिए लेकिन सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और खूब हंगामा हुआ।
जिला पंचायत अध्यक्ष कांता ठाकुर की अध्यक्षता में हुई सामान्य सभा में उपाध्यक्ष शैलेन्द्र रघुवंशी ने सर्वप्रथम सचिवों के ट्रांसफर पर चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि इस सूची को जनप्रतिनिधियों को बिना दिखाए ही फाइनल कर दिया गया। अधिकारी ही सर्वेसर्वा हो गए हैं। विधायक दुबे ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि उनकी विधायक निधि की फाइल तक जिला पंचायत में अटकी पड़ी है। उन्होंने सीईओ से इसका जवाब मांगा।
दुबे ने यह तक कह दिया कि इसके लिए क्या उन्हें विधानसभा में सवाल उठाना पड़ेगा। इस पर दूसरे सदस्यों ने भी जिला पंचायत में अधिकारी-कर्मचारियों के न सुनने का आरोप लगाया। इसका जवाब सीईओ सुरभि गुप्ता ने दिया। शुरुआती हंगामे के बाद जनप्रतिनिधियों ने विकासात्मक मुद्दों पर चर्चा की।
सीईओ ने ये दिया जवाब
1. पंचायत सचिवों की ट्रांसफर सूची को सामान्य प्रशासन समिति के अनुमोदन लेने का पहले नियम था। अब वह बदल गया है। जनपद पंचायतों और जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव पर हमने सूची बनाई थी और उसे प्रभारी मंत्री के समक्ष रखा।
2. जिला पंचायत कार्यालय में विधायक निधि की फाइल आठ अगस्त को आई थी उसे दस को कलेक्टर के पास भेज दिया गया जहां से वापस आने पर इसका परीक्षण किया जा रहा है। कार्यालय में फाइल पेंडिंग नहीं रहती।
3.जिला पंचायत में कहीं कोई शिकायत है तो सीधे बाबूओं से सम्पर्क न करें। उसके लिए ऑफिसर इंचार्ज या फिर मुझसे सम्पर्क किया जा सकता है।
सदस्यों ने ये भी उठाए मुद्दे
1. गुरुचरन खरे ने कहा कि बीपीएल परिवारों को सिंगल बत्ती कनेक्शन में विकासखंड स्तर के बिजली कर्मचारी 1500 से 2 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं।
2. सांसद प्रतिनिधि सैय्यद जाफर ने कहा कि जिले में 3.10 लाख बिजली कनेक्शन है। उसमें से एससी और बीपीएल परिवारों को कम बिजली बिल का फायदा नहीं मिल रहा है।
3. सदस्य कमलेश उइके ने मनरेगा में पंचायतों में हो रहे भ्रष्टाचार का मामला उठाया। उन्होंने शिकायतों और जांच की जानकारी मांगी। इसका जवाब कोई दे नहीं पाए।