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Railway: चार ट्रक में 100 टन प्याज लेकर पहुंचा व्यापारी, नहीं आई किसान रेल, यह थी वजह

छिंदवाड़ा से असम के तिनसुकीया के लिए रवाना किया जाएगा।

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Railway: चार ट्रक में 100 टन प्याज लेकर पहुंचा व्यापारी, नहीं आई किसान रेल, यह थी वजह

Railway: चार ट्रक में 100 टन प्याज लेकर पहुंचा व्यापारी, नहीं आई किसान रेल, यह थी वजह


छिंदवाड़ा. किसान रेल मंगलवार शाम को छिंदवाड़ा मॉडल रेलवे स्टेशन नहीं पहुंच पाई। इसकी पीछे रैक में तकनीकी खामी बताई जा रही है। हावड़ा से दूसरी किसान रेल की रैक रवाना की गई है जो संभवत: बुधवार की रात तक छिंदवाड़ा पहुंचेगी। इसके बाद किसान रेल में पार्सल बुक कर छिंदवाड़ा से असम के तिनसुकीया के लिए रवाना किया जाएगा। बताया जाता है कि इंदौर के एक व्यापारी द्वारा छिंदवाड़ा से पार्सल बुक कराने की दिलचस्पी दिखाई गई थी। जिसके बाद नागपुर के रेल अधिकारियों द्वारा रेलवे बोर्ड से अनुमति ली गई। इंदौर के व्यापारी ने छिंदवाड़ा से असम के तिनसुकीया रेलवे स्टेशन तक 100 टन प्याज भेजने के लिए बुकिंग की है। मंगलवार शाम को चार ट्रक में 100 टन प्याज भी इंदौर से छिंदवाड़ा रेलवे स्टेशन पहुंच गया, लेकिन किसान रेल के न आने से व्यापारी को निराशा हाथ लगी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक विकास कुमार कश्यप ने किसानों एवं व्यापारियों से किसान रेल में माल बुकिंग कराने या इससे संबंधित कोई जानकारी के लिए मो. 9730078966 एवं 9325182004 पर संपर्क करने की अपील की है।


मौखिक रूप से दिया गया था निर्देश
मॉडल रेलवे स्टेशन छिंदवाड़ा में किसान रेल मंगलवार शाम को पहुंचनी थी और फिर बुधवार सुबह पार्सल लेकर तिनसुकीया के लिए रवाना किया जाना था। सोमवार को इस संबंध में नागपुर मंडल के अधिकारियों ने छिंदवाड़ा रेल अधिकारियों को मौखिक रूप से निर्देश दिया था। वहीं व्यापारी को भी बताया गया था, जिसके अनुसार वह मंगलवार शाम को 100 टन प्याज लेकर छिंदवाड़ा पहुंचा।


नहीं किया गया प्रचार-प्रसार
भारतीय रेलवे द्वारा पार्सल लदान को प्रोत्साहित करने के लिए समय-समय पर कई उपाय एवं कार्य किया जा रहा है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल द्वारा किसानों को राहन देने के उद्देश्य से विशेषकर फल, सब्जी एवं त्वरित खराब होने वाले पार्सल पर ध्यान केन्द्रित करते हुए पार्सल के लदान में वृद्धि हेतु डीआरएम के मार्गदर्शन में बीते 28 अक्टूबर एवं 2 दिसंबर को छिंदवाड़ा से हावड़ा तक किसान रेल चलाई गई थी। रेलवे ने दोनों ही बार किसान रेल का किसानों एवं व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए काफी प्रचार-प्रसार किया था, लेकिन इस बार ऐसा देखने को नहीं मिला।