
छिंदवाड़ा.मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बीती 10 अक्टूबर को संपदा 2.0 से ई-रजिस्ट्री का शुभारंभ किया था लेकिन छिंदवाड़ा में एक सप्ताह बाद भी इसे प्रारंभ नहीं किया जा सका है। इसका कारण उपपंजीयकों के डिजिटल सिग्नेचर नहीं होना बताया गया है। संबंधित एजेंसी ने इसे अब तक बनाकर नहीं दिया है।
इस संपदा सॉफ्टवेयर में ई-रजिस्ट्री को पहले से बेहतर बनाया गया है। जिसमें जीरो बैलेंस खाता, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और ई- रजिस्ट्री जैसे नवाचार का समावेश है। पहले दस्तावेज पंजीयन और अन्य कार्यों के लिए कार्यालय आना पड़ता था लेकिन पोर्टल और ऐप के माध्यम से सभी लोग घर से ही इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। इस सॉफ्टवेयर की शुरुआत हुए एक सप्ताह का समय हो चुका है, अब तक इसकी पहली रजिस्ट्री छिंदवाड़ा जिले में कहीं नहीं हो सकी है। इससे जमीन के सौदे करनेवाले असमंजस में है कि संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर से उन्हें कैसे, किस तरह का लाभ होगा।
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ऐप से ही दिखेगी कलेक्टर गाइड लाइन दर
बता दें कि संपदा-2.0 उन्नत तकनीक पर आधारित सॉफ्टवेयर है। इसमें राजस्व वित्त विभाग और नगरीय प्रशासन के साथ जीएसटी और युनिक आईडी आधार से भी इंटीग्रेटेड किया गया है। जमीन की कलेक्टर गाइडलाइन दर ऐप में लोकेशन के माध्यम से मालूम हो सकेगी। सॉफ्टवेयर से संपत्ति की जीआईसी मैपिंग होगी, बायोमैट्रिक पहचान और दस्तावेजों की फॉर्मेटिंग भी होगी। दस्तावेजों के पंजीयन के लिए व्यक्तिगत मौजूदगी की जरूरत नहीं होगी। घर बैठे ही दस्तावेज सत्यापन और पंजीकरण हो सकेगा। दस्तावेज की सॉफ्ट कॉपी व्हाट्सएप और ईमेल से आवेदक को प्राप्त होगी।
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इनका कहना है..
संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर लागू होने के बाद विभाग की ओर से उपपंजीयकों के नए डिजिटल सिग्नेचर जारी करने का पत्र संबंधित एजेंसी को भेज दिया है। जैसे ही ये डीसी आएंगे, तब ही इसे लागू किया जा सकेगा।
-उपेन्द्र झा, जिला पंजीयक।
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Published on:
18 Oct 2024 12:24 pm
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