27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में ऐसे पाएं सेवन स्टार, देखें वीडियो

स्वच्छता सर्वेक्षण 2019: शहर में न मिले किसी भी प्रकार का कचरा तभी कहलाएगा कचरा मुक्त शहर

2 min read
Google source verification
75 crore expenditure on cleanliness, garbage dose not pick from home

75 crore expenditure on cleanliness, garbage dose not pick from home

छिंदवाड़ा. स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस वर्ष नगरीय निकायों द्वारा ही स्वयं को कचरा मुक्त शहर घोषित करते हुए वन से लेकर सेवन स्टार तक रैंक देना है। वन स्टार से सेवन स्टार रैंक तक पहुंचने के लिए निकायों को १२ घटकों पर खरा उतरना होगा। किसी भी घटक के अधूरे होने की स्थिति में रैंकिंग प्रभावित होगी। जबलपुर से आए पीआइयू टीम के सदस्य अभिनय गर्ग ने नगर निगम के टाउनहॉल में सोमवार को जिलेभर के नगरीय निकायों को स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 के सभी नियम और शर्तों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कचरा मुक्त शहर वही घोषित होगा जहां किसी भी प्रकार का कचरा नहीं मिलेगा।
गर्ग ने बताया कि एक एेसा शहर जहां किसी भी दिन, किसी भी समय में किसी भी स्थान पर आवासीय, व्यावसायिक क्षेत्र सहित नाले या किसी भी जलस्रोत में कचरा न पाया जाए। उत्पादित कचरे का शतप्रतिशत तरीके से निपटान होता हो, पूर्व में जमा समस्त ठोस अपशिष्ट का उपचार कर लिया गया हो और शहर में सभी ठोस अपशिष्ट, प्लास्टिक, निर्माण एवं विंध्वस अपशिष्ट का वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन किया जा रहा हो, कचरा मुक्त शहर कहलाएगा। ऐसे शहर में कचरा सिर्फ कूड़ेदान एवं डम्पिंग स्टेशन में ही होना चाहिए। इसके अतिरिक्त शहर में उत्पादित होने वाले कुल कचरे की मात्रा में कमी आनी चाहिए तथा शहर के सौंदर्यीकरण से शहर और स्वच्छ - सुंदर शहर के रूप में दिखाई दे। इस संदर्भ में भारत सरकार के आवास और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के मुख्य घटकों के आधार पर शहरों के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम २०१६ के अनुरूप सेवन स्टार रेटिंग फ्रेम वर्क तैयार किया गया है।

सेवन स्टार रेटिंग फ्रेमवर्क के प्रमुख घटक

1. घर-घर से कचरा संग्रहण
2. स्रोत स्तर पर ही पृथक्करण
3. सार्वजनिक, व्यावसायिक एवं आवासीय क्षेत्रों में गंदगी न दिखे
4. कूड़ेदान, कचरा पेटी एवं सामग्री प्रतिपूर्ति सुविधा
5. थोक अपशिष्ट उत्पादकों का अनुपाल
6. कचरा संग्रहण शुल्क, जुर्माना और प्लास्टिक उपयोग के प्रतिबंध की कार्रवाई
7. कचरे का वैज्ञानिक निष्पादन, निपटान एवं निर्माण एवं विध्वंस कचरा प्रबंधन
8. नागरिक शिकायत एवं प्रतिपुष्टि व्यवस्था
9. अघोषित कचरा भंडार, ढलाव स्थल का निवारण तथा लैंडफिरल का वैज्ञानिक निपटान
10. बरसाती नाले, नाली, नदी, तालाब, झील व अन्य जलाशयों की साफ सफाई
11. थ्री-आर पद्धति के परिपालन में निरंतर कचरे के उत्पादन में कमी (सेवन स्टार के लिए)
12. दृष्टव शहरी सौंदर्यीकरण (सेवन स्टार के लिए)