
Sonam Gupta bewafa
छिंदवाड़ा. नागपुर. स्याही लगे, पेन से लिखे या गुलाल लगे नोट या सोनम गुप्ता बेवफा है लिखे नोट अक्सर बैंककर्मी लेने से इनकार कर देते हैं, लेकिन अब सम्बंधित बैंक की शिकायत भारतीय रिजर्व बैंक, आरबीआइ में की जा सकती है। आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि स्याही लगे या पेन से लिखे नोटों का वैध चलन है और बैंक इसे स्वीकार करने से इनकार नहीं कर सकती। रंग लगे नोट नहीं चलने की बात केवल अफवाह है।
सूचना के अधिकार, आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार 500 या 2000 के नोटों पर अगर कुछ लिखा है, तो उससे नोट की वैधता पर कोई असर नहीं पड़ता। यह वैध नोट लीगल टेंडर है और बैंक इसे स्वीकार करने या बदलकर देने से मना नहीं कर सकते। रिफंड रूल 2009 के मुताबिक यही नियम 50, 100 समेत सभी नोटों के लिए लागू है। अगर नोट पर राजनीतिक या धार्मिक संदेश लिखे गए हैं तो उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। पी आशीषकुमार ने आरटीआई के तहत आरबीआई से स्याही लगे, पेन से लिखे नोटों के चलन के बारे में जानकारी मांगी थी। इसी तरह सिक्कों के बारे में भी जानकारी मांगी गई थी। आरबीआई के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने स्पष्ट किया कि 25 पैसे का सिक्का बंद किया गया है। 50 पैसे का सिक्का बंद नहीं हुआ है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जैन की इतवारी भाजी मंडी सिसोदिया भवन के पास सब्जी की दुकान है, आरोपी शशिकुमार ने दोपहर में 4 बजे करीब जैन से 1,31,400 रुपयों का माल खरीदा। इसके एवज में शशिकुमार ने जैन को इंडस्इंड बैंक के 2 चेक थमाए और चलता बना़ बैंक में चेक जमा करने पर पता चला कि शशिकुमार के खाते में रुपये ही नहीं है। इसके बाद जैन ने शशिकुमार से संपर्क करने की कोशिश की जो असफल रही। जैन ने जब गाड़ी का पता लगाया तो यह गाड़ी भी विनोद कल्याणी की निकली। जैन ने कल्याणी से सम्पर्क किया तो उसने पुलिस में शिकायत नहीं करने का अनुरोध कर रुपए देने का आश्वासन दिया़। काफी इंतजार के बाद जब रुपये नहीं मिले तो जैन ने दोनों आरोपियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
Published on:
17 Sept 2017 05:46 pm
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