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जलने के बाद नहीं बना उपस्वास्थ्य केंद्र

ग्रामीण अंचल में स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे ही है। वर्तमान में ग्रामीण अंचलों में ग्रामीणों की जान से लगातार झोलाछाप खिलवाड़ कर रहे हैं।

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जलने के बाद नहीं बना उपस्वास्थ्य केंद्र

जलने के बाद नहीं बना उपस्वास्थ्य केंद्र

जुन्नारदेव. ग्रामीण अंचल में स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे ही है। वर्तमान में ग्रामीण अंचलों में ग्रामीणों की जान से लगातार झोलाछाप खिलवाड़ कर रहे हैं। नगर की समीपस्थ ग्राम पंचायत जुन्नारदेव विशाला में भी वर्तमान में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ग्रामवासी तरसते नजर आ रहे है जिसका प्रमुख कारण लगभग तीन वर्ष से भी अधिक समय पूर्व शॉट सर्किट से जलकर खाक हुए उपस्वास्थ्य केन्द्र का अब तक जीर्णोद्धार न होना है।
गौरतलब हो कि लगभग तीन वर्ष पूर्व विशाला के उपस्वास्थ्य केन्द्र में भीषण आग लग जाने के कारण यह उपस्वास्थ्य केन्द्र पूरी तरह जलकर खाक हो गया था। पूर्व में जुन्नारदेव विषाला के ग्रामीण इसी उपस्वास्थ्य केन्द्र में ईलाज कराते थे किन्तु तीन वर्ष की लंबी अवधि बीत जाने के बाद भी अब तक स्वास्थ्य विभाग सोया हुआ है और प्रशासन भी इस बात से अनभिज्ञ है।
फिलहाल ग्रामीणजन स्वास्थ्य संबंधी समस्या से जूझ रहे है और गंभीर बीमारी पर भी ग्रामीण तीन किलोमीटर दूर नगर मुख्यालय की ओर दौड़ लगाने को विवश है जहां पर ग्रामीणों को अपने ही ग्राम में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं भी नहीं मिल पा रही है।
ग्रामीणों को नहीं मिल रहा स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ : ग्राम पंचायत जुन्नारदेव विशाला के ग्रामीणों को भयंकर बीमारी के प्रकोप पर भी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है। ऐसे में कई बार ग्रामीण अपनी बीमारी को गंभीर होने की राह देखते रहते है उसके बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की ओर कदम बढ़ाते है।
गर्भवती महिलाओं को होती है दिक्कतें : जहां एक ओर शासन प्रशासन द्वारा गर्भवती और गर्भधात्री महिलाओं को अनेक सुविधाएं ग्राम में ही उपलब्ध कराने के नियम बनाये गये है इसके लिए ग्राम के उपस्वास्थ्य केन्द्र में सम्पूर्ण सेवाएं उपलब्ध कराने के दावें भी शासन प्रषासन द्वारा किये जाते है किन्तु इन सब नियमों और योजनाओं का माखौल तब उड़ता है जब ग्राम में उपस्वास्थ्य केन्द्र ही नहीं है और गर्भवती और गर्भधात्री महिलाएं तीन किमी दूर पैदल पहुंचकर अपना ईलाज कराने विवश है।
बीएमओ नहीं ले रहे रुचि
इस पूरे मामले में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के बीएमओ द्वारा रूचि न लिये जाने के चलते उपस्वास्थ्य केन्द्र बीते तीन वर्षो से जस की तस अवस्था में पड़ा हुआ है। ग्रामीणों द्वारा पंचायत सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के बीएमओ को भी उपस्वास्थ्य केन्द्र को बार-बार अवगत कराया गया है किन्तु उनके रूचि न लेने से कई ग्रामीणों को जान का संकट उत्पन्न हो रहा है। ग्रामीणों ने शीघ्र ही उपस्वास्थ्य केन्द्र के पुनर्निर्माण की मांग शासन, प्रशासन, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के बीएमओ सहित जिला चिकित्सा अधिकारी से की है।