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हरिनाम श्रवण से मन हो जाता है निर्मल

नगर में चल रही रौप्य महोत्सव में सुनाते हुए सोपान कन्हेरकर ने हरि नाम की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान केवल भाव के भूखे होते हैं। उनके प्रति समर्पण ही व्यक्ति के जीवन में सफलता का द्वार खोलता है। उन्होंने कहा कि राम नाम की ऐसी मधुरता कि इसे जपने से काम, क्रोध, मद सब नष्ट हो जाता है।

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The mind becomes pure by listening to Hari Naam.

छिंदवाड़ा/बोरगांव. नगर में अखंड हरिनाम सप्ताह और कथा का दौर जारी है। जय राम श्रीराम और श्री हरि वि_ल के जयकारों से गलियां, सडक़ें गुंजित हैं। नगर में चल रही रौप्य महोत्सव में सुनाते हुए सोपान कन्हेरकर ने हरि नाम की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान केवल भाव के भूखे होते हैं। उनके प्रति समर्पण ही व्यक्ति के जीवन में सफलता का द्वार खोलता है। उन्होंने कहा कि राम नाम की ऐसी मधुरता कि इसे जपने से काम, क्रोध, मद सब नष्ट हो जाता है। इससे जीवन मधुर हो जाता है। उन्होंने कहा कि आप कितने भी शक्तिशाली हों, बलशाली हों, अपनी समस्त शक्ति, बल श्रीराम के चरणों में समर्पित कर दें। हरिनाम सुनने से व्यक्ति का मन निर्मल होता है। कभी भी मन में बुरे विचार नहीं आते हैं। प्रत्येक मुनष्य को ईश्वर का स्मरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भक्त द्वारा स्मरण करने से भगवान प्रसन्न होते है। जब जीव अपना कदम हरि कीर्तन की तरफ बढ़ता है, तो एक-एक कदम पर अश्वमेघ यज्ञ का फ ल मिलता है। अपने जीवन को पवित्र बनाए रखने का साधन एक मात्र हरि कीर्तन है। मनुष्य को जीने की कला सिखाती है। बिना किसी लोभ के दीन-हीन व्यक्तियों की सेवा करें। लालच का त्याग करते हुए साधु -संत एवं गुरुओं के बताए मार्ग पर चलने पर मनुष्य का लोक एवं परलोक दोनों संवर जाता है। ईश्वर की भक्ति से सुख मिलता है। जिस मनुष्य ने अपने शरीर, मन, बुद्धि व इंद्रियों को वश में कर लिया है। अपने सम्पूर्ण संशय मिटा लेता है।