. इस साल जिले में यूरिया की खपत सबसे ज्यादा हो रही है। इस बार कृषि विभाग ने 21 हजार 500 मीट्रिक टन यूरिया की डिमांड की थी जबकि विपणन संघ के गोदामों से 37 हजार मीट्रिक टन खाद निकल चुका है। ये तो सिर्फ सरकारी गोदामों के आंकड़े हैं। इसके अलावा खाद बीज की दुकानों से जो यूरिया किसानों ने खरीदा वो अलग। किसान सबसे ज्यादा यूरिया की डिमांड ही कर रहे हैं। इसके विपरीत जिंक और सल्फर कम की मांग बेहद कम है।