छिंदवाड़ा . राज्य शिक्षा केंद्र ने प्रदेश में शाला सिद्धि योजना की शुरुआत तो कर दी, लेकिन अब तक इस कार्यक्रम के तहत स्कूलों में संचालित योजनाओं का लाभ विद्यार्थियों को नहीं मिल रहा है। इसके तहत जिले के 792 प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में खेल मैदान, लाइब्रेरी, कम्प्यूटर लैब तथा फुलवारी विकसित करने के लिए चिह्नित किया गया था। लेकिन कवायद अभी तक शिक्षकों को प्रशिक्षण देने तक ही सीमित है।
शासकीय स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए स्कूलों में आधारभूत व्यवस्थाएं विकसित करने की योजना बनाई गई है। इसमें शाला सिद्धि योजना के माध्यम से विद्यार्थियों के शारीरिक विकास के साथ-साथ लाइब्रेरी में किताबें पढऩे की आदत निर्मित करना तथा देश-विदेश की विभिन्न जानकारियां भी उपलब्ध कराना है। इसके साथ ही पेयजल की व्यवस्था तथा शाला में फुलवारी भी आदि विकसित करना है।
शाला सिद्धि योजना
396 प्राथमिक स्कूल चिह्नित
396 मिडिल स्कूल चिन्हित
792 कुल स्कूल जिले से
04 स्कूल प्रत्येक जनशिक्षा केंद्र से
99 जनशिक्षा केंद्र संचालित हैं जिले में
प्रत्येक जनशिक्षा केंद्र से चार स्कूल
जिला शिक्षा केंद्र छिंदवाड़ा के एपीसी संजय दुबे ने बताया कि उपरोक्त योजना में जिले के प्रत्येक जनशिक्षा केंद्र से चार-चार स्कूलों का चयन किया गया है। इस प्रकार कुल 99 जनशिक्षा केंद्र से 792 स्कूलों में उपरोक्त सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस योजना के अंतर्गत फिलहाल शिक्षकों का प्रशिक्षण चल रहा है। इसके साथ ही सम्बंधित शिक्षकों को पहले स्वयं ही अपने स्कूलों का मूल्यांकन करना है तथा उपलब्ध और कमियों की सूची तैयार करनी है। एपीसी दुबे ने बताया कि योजना का संचालन अधिकतम तीन वर्ष के भीतर करना है।
दिए ये तर्क
प्रारम्भिक शिक्षा को आधार माना जाता है। नींच अगर कमजोर रह जाए तो फिर हमेशा परेशानी बनी रहती है। एेसी स्थिति को देखते हुए राज्य शिक्षा केंद्र ने प्रारम्भिक शिक्षा पर जोर दिया है और उपरोक्त योजना को बेहतर करने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं।