19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पीडि़त किसान 13 किमी तक पैदल और बैलगाड़ी से ही निकल पड़े… जानिए क्या है मामला

जलाशय पीडि़त किसान जो पिछले 27 दिनों से जलाशय निर्माण स्थल पर धरना प्रदर्शन कर रहे है उनके साथ अपनी मांगों को लेकर सौंसर मुख्यालय की ओर निकल पड़े। इसके पहले भी प्रशासन से बातचीत पर कोई बात नहीं बनी। बड़ी संख्या में पीडि़त किसान शुक्रवार को धरना स्थल से सौसर की ओर रवाना हुए।

2 min read
Google source verification
kisan andolan

kisan andolan

छिंदवाड़ा/सौंसर. मोहगांव जलाशय स्थल से शुक्रवार को बड़ी संख्या में किसान अपनी मांगों को लेकर पैदल और बैलगाड़ी से सौंसर मु़ख्यालय की ओर कूच किया। मिली जानकारी के अनुसार नंदेवानी स्थित मोहगांव जलाशय स्थल पर प्रदेश किसान संघ के प्रदेश अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के संयोजक अमोल अकोटकर जलाशय पीडि़त किसान जो पिछले 27 दिनों से जलाशय निर्माण स्थल पर धरना प्रदर्शन कर रहे है उनके साथ अपनी मांगों को लेकर सौंसर मुख्यालय की ओर निकल पड़े। इसके पहले भी प्रशासन से बातचीत पर कोई बात नहीं बनी। बड़ी संख्या में पीडि़त किसान शुक्रवार को धरना स्थल से सौसर की ओर रवाना हुए।
इस दौरान बीच रास्ते में ही उन्हें तहसीलदार महेश अग्रवाल ने रोका और गाइडलाइन के तहत समझाया लेकिन बात ना बनते देख सभी किसान तहसील कार्यालय सौसर की ओर आगे बढ़ पड़े। यहां पर उन्हें शासन प्रशासन द्वारा समझाइश देकर अपनी बात रखने के लिए कहा।
सुबह करीब 9.30 बजे मोहगांव -नंदेवानी के कृषक ग्राम नंदेवानी से बैलगाड़ी के साथ पदयात्रा करते हुए सौंसर मुख्यालय पहुंचकर उचित मुआवजा की मांग को लेकर प्रशासन से गुहार लगाई। पदयात्रा रैली में लगभग 500 पीडि़त किसानों जिसमें महिलाएं, बुजुर्ग भी शामिल रहे। सौंसर पहुंचने पर भारी पुलिस बल तैनात रहा।
मोहगांव-नंदेवानी जलाशय के मुआवजे को ठीक से नहीं मिलने के बात बताते हुए पीडि़त किसान गणेश मनमोड़े ने बताया कि नए भू-अर्जन अधिनियम 2013-14 अनुसार नगरीय क्षेत्र की गाइडलाइन का दोगुना मुआवजा नहीं दिया गया है।
मोहगांव जलाशय का निर्माण 2014 में से प्रारंभ हुआ 2014 में ही अधिग्रहण किया गया। नए भू-अर्जन अधिनियम 2013-14 के अनुसार नगरीय क्षेत्र की गाइडलाइन का दो गुना मुआवजा प्रदान नहीं किया गया। जलाशय नगरीय क्षेत्र से मात्र 6 किलोमीटर दूरी पर निर्माण किया जा रहा है। जबकि नए भू-अर्जन अधिनियम के अनुसार नगरीय क्षेत्र के 15 किमी के अंदर किसी जलाशय का निर्माण किया जाता है तो नगरीय क्षेत्र की गाइडलाइन का प्रावधान होता है। बताया कि किसानों की सिंचित जमीन को असिंचित बताया गया है।
किसान प्रतिनिधि और प्रशासन के बीच हुई चर्चा

उचित मुआवजे की मांग को लेकर पीडि़त किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रशासन की ओर से एसडीएम कुमार सत्यम, तहसीलदार महेश अग्रवाल, डीएसपी एसपी सिंह, जल संसाधन विभाग की ओर से उपयंत्री मोहम्मद फैयाज एवं अन्य के साथ हुई चर्चा में प्रशासन ने गाइडलाइन का हवाला देते हुए समझाइश की। लगभग दोपहर 12 बजे से शाम तक तहसील कार्यालय में बैठे पीडि़त किसानों ने प्रशासन से हल निकालने की बात को लेकर अपनी मांग रखी।
छह साल से उचित मुआवजे की हो रही मांग
पीडि़त किसानों का कहना था कि विगत छह वर्षों से हम शासन-प्रशासन का ही सुनते रहे हैं कि निराकरण कर दिया जाएगा। परंतु अब तक निराकरण नहीं हुआ है। यदि शासन. प्रशासन हमारी मांगों पर कोई ध्यान नहीं देता है तो आगे लड़ाई और हड़ताल जारी रहेगी। इस अवसर पर नन्देवानी सरपंच गजरु मरकाम, उपसरपंच रामाजी आहके, सुदामा मानमोड़े, राजेन्द्र दुफारे, धनवत गोहीते, हीरु उइके, अनमोल आकोटकर, प्रल्हाद गोहिते, हेमंत तिवारी, मंगला आहके, विनायक किनकर, श्यामू पवार, मंजू मरकाम आदि ने मांग की।
प्रस्ताव भेजा जा रहा है
&’11 बिंदुओं की मांगों के
संबंध में प्रशासन ने कहा की जो प्रशासनिक स्तर पर जो मांगे हैं, उसका निराकरण करने पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। तो वही शासन स्तर की मांगों को प्रस्ताव बनाकर शासन की ओर भेजा जा रहा है।
महेश अग्रवाल, तहसीलदार, सौंसर