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अधूरी तैयारियों का खमियाजा भुगत रहे हजारों मरीज

प्रदेशभर में कहीं भी शुरू नहीं हो सकी आधुनिक सीटी स्कैन मशीन, सात दिन का था दावा, अब तक मशीन तक नहीं पहुंची

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Thousands of patients suffering from incomplete preparations

Thousands of patients suffering from incomplete preparations

छिंदवाड़ा . स्वास्थ्य संचालनालय की अधूरी तैयारियों का खमियाजा प्रदेशभर के हजारों मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। मरीजों को आधुनिक मशीनों का लाभ देने की सरकार की मंशा पर एजेंसी की लापरवाही पानी फेर रही है। मजबूरी में गरीब मरीजों को निजी संस्थाओं की सेवा लेनी पड़ रही है या फिर वे बिना इलाज के ही मायूस लौट रहे हैं।

जिम्मेदार नहीं ले रहे सुध


दरअसल, छिंदवाड़ा समेत प्रदेशभर के सात जिला अस्पतालों में आधुनिक सीटी स्कैन मशीन इंस्टाल की जानी है ताकि मरीजों का बेहतर इलाज सम्भव हो सके। इसके लिए आउटसोर्सिंग की तर्ज पर एक एजेंसी से अनुबंध किया गया है। इधर, इन मशीनों को स्थापित करने से पहले सभी जिला अस्पतालों की सीटी स्कैन मशीनों को कंडम घोषित कर निकाल दिया गया।

संचालनालय का दावा था कि सात दिनों में आधुनिक मशीनों की सेवा शुरू हो जाएगी। इस बात को बीते करीब २२ दिन से ज्यादा हो गए है, लेकिन अभी तक प्रदेश में कहीं भी इन मशीनों को स्थापित करना तो दूर एजेंसी द्वारा मशीन ही नहीं भेजी जा सकी है।


निजी संस्थानों में जांच कराना मजबूरी


इस दौरान जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन जांच की सलाह न दिए जाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन जरूरी केसों में मरीजों को निजी संस्थानों का रुख करना पड़ रहा है। बता दें जिला अस्पताल तक पहुंचने वाले मरीजों में वे लोग ज्यादा होते हैं जो निजी संस्थानों की फीस वहन नहीं कर सकते। जिला अस्पताल में सीटी स्कैन बंद होने से ऐसे मरीजों को आर्थिक रूप से परेशान तो होना ही पड़ रहा है जिला अस्पताल प्रबंधन और शासन को भी नुकसान हो रहा है।


ये जिले हैं शामिल


प्रदेशभर के जिन जिला अस्पतालों में आधुनिक सीटी स्कैन मशीन स्थापित की जानी हैं उनमें छिंदवाड़ा के अलावा गुना, धार, खंडवा, छतरपुर, सतना और मंडला जिला शामिल है।


सीएम के हाथों होनी थी शुरुआत


१८ जनवरी को जारी आदेश के अनुसार प्रदेशभर में इस सेवा की शुरुआत एक सप्ताह में मुख्यमंत्री के हाथों कराई जानी थी, लेकिन अभी तक मशीनों का ही अता-पता नहीं है।


एजेंसी से तीन माह का अनुबंध


एजेंसी के साथ तीन माह का अनुबंध है। इस बीच सभी जिलों में मशीन स्थापित कर ली जाएगी। इस समय-सीमा के बाद भी यदि देरी होती है तो उक्त एजेंसी पर पैनाल्टी लगाई जाएगी।


डॉ. उपेंद्र कुमार दुबे, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य संचालनालय सेवाएं (मप्र)