पायल ने बीकॉम तक की शिक्षा हासिल की है। अभी वह मुंबई में रह रही हैं। पायल के पिता शिवशंकर धारे छिंदवाड़ा के उमरानाला में किराना की दुकान चलाते हैं। बेटी ने भी पिता को समझाया और विश्वास दिलाया कि वह सही दिशा में कार्य करेगी। इसके बाद पायल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज पायल मुंबई में रहकर ऑनलाइन गेम एवं विज्ञापन से हर माह लाखों रुपए की आय कर रही है। पिता ने बताया कि शुरू-शुरू में पायल को ऑनलाइन गेम के दौरान काफी मुश्किल का सामना करना पड़ता था। कई बार वह हतोत्साहित भी हुई, लेकिन मैंने उसे समझाया कि इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है।
पिता शिवशंकर धारे ने बताया कि पायल तीन बहनों में मंझली हैं। कोरोना काल के दौरान उसने ऑनलाइन गेमिंग कॅरियर चुना। शुरू में मैंने मना कर दिया, लेकिन बेटी की जिद के आगे झुकना पड़ा। शुरुआती दौर में सारेे रिश्तेदार उस पर हंसते थे, लेकिन उसने गेमिंग जारी रखी और आज सब नाज करते हैं। बेटी ने हाल ही में लग्जरी कार गिफ्ट की है। अब वह घर भी बनवा रही है।
पीएम नरेंद्र मोदी से पायल की मुलाकात के बाद उनके पिता शिव शंकर धारे से का कहना है कि मुझे जैसे ही पता चला कि प्रधानमंत्री ने मेरी बेटी से बात की है, मुझे बहुत प्राउड फील हुआ। मेरी बेटी यहां तक पहुंच गई। हमने तो कभी सोचा नहीं था, जब मोदी जी से उनकी मुलाकात हुई तो मुझे बहुत खुशी हुई।
पायल के पिता का कहना है कि पायल की पढ़ाई छिंदवाड़ा में ही हुई है। इसके बाद वह रुंगटा कॉलेज भिलाई में पढ़ने चली गई। पढ़ाई पूरी होने के बाद ऑनलाइन गेमिंग के कारण उन्हें मुंबई शिफ्ट किया गया। उन्होंने बताया कि पायल को बचपन से ही एंकरिंग का बहुत शौक था। इसी शौक ने उसकी जिॆदगी बदल दी। आज पायल के यूट्यूब पर 37 लाख और इंस्टाग्राम में 31 लाख फॉलोअर्स हैं।
खुशी से झूम उठीं पायल की मम्मी संगीता धारे का कहना है कि जैसे ही प्रधानमंत्री जी ने उनसे मुलाकात की, बात की तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा, उन्हें बहुत अच्छा लगता है कि उनकी बेटी आज इस मुकाम पर पहुंच गई है। हालांकि वो ये भी कहती हैं कि जब उनकी बेटी मोबाइल में गेम खेलती थी तो उन्हें बुरा लगता था और वे इसके खिलाफ थीं। क्योंकि वे चाहती थीं कि उनकी बेटी पढ़-लिख कर बड़ी अफसर बने, ताकि उनका नाम रोशन हो। लेकिन अब पायल की इस नई उपलब्धि पर भी उन्हें उतना ही गर्व है।