Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जलावर्धन के गड्ढ़े बन रहे मुसीबत

बारिश के मौसम में स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां बुरी तरह उड़ती नजऱ आ रही हैं।

2 min read
Google source verification
1

जलावर्धन के गड्ढ़े बन रहे मुसीबत

अमरवाड़ा. बारिश के मौसम में स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां बुरी तरह उड़ती नजऱ आ रही हैं। शहर की नालियां पॉलीथिन और कचरों से अटी पड़ी हैं। बारिश में पानी इन नालियों की बजाय सडक़ों से होकर बह रहा है। वहीं बारिश के थमने के साथ ही नालियों से उठने वाली सड़ांध भी लोगों को परेशान कर रही है।नगर के विभिन्न वार्डों व चौक, चौराहों तथा बाज़ारों में भले ही पालिका के द्वारा कचरा संग्रहण के लिये पात्र रखे गये हो किन्तु ये पात्र भी कचरों से अटे पड़े हैं।
लंबे समय से लेकर शाम के समय पालिका की कचरा संग्रहित करने वाली गाडिय़ां नगर में घूमती हों लेकिन इन गाडिय़ों में सिर्फ लोगों के घरों का ही कचरा डाला जाता है। फुटपाथ पर या बाज़ार में दुकानों का कचरा इन गाडिय़ों तक कम ही पहुंचता है। इसके परिणाम स्वरूप शहर के मुख्य बाज़ार और सर्वाधिक आवाजाही वाले चौक-चौराहे तथा कुछ सार्वजनिक स्थलों के आसपास व्यापक गंदगी देखी जाती है। इसका एक उदाहरण नगर के बीचों बीच शहीद चौक से आजाद वार्ड मोहल्ला वाली सडक़ के बीच में बनी पुलिया चौक हो गई है जिसके दोनों ओर भारी मात्रा में कचरा पड़ा रहता है।
मस्जिद मोहल्ला की नालियां मजार और नाथ की छेड़ी के बीच का रास्ता राम मंदिर मार्ग अंबेडकर पार्क के पीछे यहां की नाली पूरी तरह कचरे से पटी हुई है और लोग इस स्थान का उपयोग पेशाबघर के रूप में भी करते हैं जिससे यहां गंदगी के साथ ही दुर्गंध भी फैली रहती है।
नगर पालिका की अकर्मण्यता के चलते शहर में बारिश के मौसम में नालियां अब परेशानी का सबब बनने लगी हैं। बारिश के दौरान नालियों में अटा कचरा सडक़ों पर बह रहा है तो नवीन जलावर्धन योजना में पाइपलाइन डालने के बाद उन स्थानों को समतल न किये जाने के कारण अब वहां भी नालियां बन गई हैं। नगर में जल प्रदाय के लिए नई जलावर्धन योजना के तहत बिछाये गये पाइप अब वर्षाकाल के इन शुरूआती दिनों में ही लोगों की परेशानी का कारण बन गये हैं। समूचे नगर में नयी पाइपलाइन बिछाने के लिए कई छोटी-बड़ी सडक़ें खोदी गई थीं और उनमें पाइपलाइन डालने के बाद उन्हें ढंग से पूरा नहीं गया था।
बारिश के पूर्व के दिनों में तो लोग किसी तरह इन खुदी सडक़ों से गुजर जाया करते थे लेकिन अब जबकि बारिश प्रारंभ हो चुकी है तो एकलव कॉलेज के पीछे खुदी हुई सडक़ों का हिस्सा पानी और आवागमन के दबाव से दबने लगा है और गड्ढों के रूप में स्पष्ट रूप से उभरकर दिखने लगा है। लोगों का कहना है कि जैसे ही तेज वर्षा होती है वैसे ही खुदे हुए हिस्से में पानी भर जाता है जिससे लोगों को उसकी गहराई का अनुमान नहीं लग पाता है। इसके परिणाम स्वरूप पैदल या वाहन पर चलने वाले जब इस हिस्से से गुजरते हैं तो उन्हें गिरने, फिसलने जैसी स्थिति का सामना भी करना पड़ रहा है।