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USEFUL NEWS: गैस उपभोक्ताओं की भी हो रही इ-केवायसी, नहीं कराया तो होगी मुश्किल

- उपभोक्ताओं की नहीं दिख रही रुचि - गैस एजेंसियों को करना है अनिवार्य

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- 31 जुलाई तक करने का बढ़ा दबाव

गैस कंपनियां अपने उपभोक्ताओं का इ-केवायसी कर रही है। इसके माध्यम से वास्तविक उपभोक्ताओं की पहचान की जा रही है। जिले में 41 गैस एजेंसियों में करीब पांच लाख उपभोक्ता हंै। इस समय उपभोक्ताओं की रुचि नहीं दिख रही है। केंद्र सरकार ने सख्ती से कहा है कि एलपीजी सिलेंडरों का सत्यापन नहीं कराने वाले परिवारों के सिलेंडरों की सप्लाई नहीं की जाएगी। इसके बावजूद लोग कनेक्शन के लिए जरूरी दस्तावेज जमा नहीं कर रहे हैं। अभी तक आधे ग्राहकों की ई-केवायसी होने की जानकारी मिल रही है। सरकार 31 जुलाई तक इसे पूरा करने का दबाव बना रही है।

इ-केवायसी के साथ घरों में सिलेण्डर की जांच

ग्राहकों के फिंगर प्रिंट स्कैनर और फेस आइडी से इ-केवायसी किया जा रहा है। इस दौरान सुरक्षा की भी जांच घर-घर में हो रही है। इ-केवायसी के लिए आधार कार्ड और गैस का उपभोक्ता नंबर चाहिए। जिन उपभोक्ताओं के नाम से कनेक्शन है, उनका होना आवश्यक है। इसके अलावा जो लोग एजेंसी नहीं जाना चाहते, वे ऑनलाइन भी इ-केवायसी करवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें मोबाइल ऐप डाउनलोड करना होंगे। एलपीजी के हर ग्राहक को इ-केवायसी करना जरूरी है और इसे 31 जुलाई तक कराना होगा।

नामांतरण, बंटवारा समेत राजस्व केस का निराकरण करने महा अभियान आज से

किसानों की सुविधा और लंबित राजस्व प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण सुनिश्चित करने 18 जुलाई से 31 अगस्त तक राजस्व महा अभियान- 2.0 संचालित किया जा रहा है। किसानों और आमजन की सहूलियत के लिए पटवारी और मैदानी अमला मुख्यालय पर रह कर दायित्वों का निर्वहन करेंगे। अभियान अंतर्गत डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण भी किया जाएगा। अभियान में अविवादित नामांतरण प्रकरणों का निराकरण 30 दिन में, विवादित नामांतरण प्रकरणों का निराकरण 150 दिन में किया जाएगा। बंटवारा प्रकरणों के निराकरण की समय-सीमा 90 दिन है और सीमांकन प्रकरणों को 45 दिन में निराकृत करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही नक्शे में तरमीम का कार्य सतत् जारी रहेगा। राजस्व महा अभियान में एक अगस्त से 15 सितंबर तक फसलों का डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण किया जाएगा।