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छिंदवाड़ा

बेटी के लिए नहीं पसीजा मां का कलेजा बेसहारा छोड़ चली गई

ओपीडी पर्ची बनाने गई तो फिर नहीं लौटी महिला, नेत्रहीन दिव्यांग बेटी को आज भी मां के लौटने की उम्मीद

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छिंदवाड़ा. जिला अस्पताल के फीमेल मेडिकल वार्ड में भर्ती नेत्रहीन दिव्यांग बेटी को आज भी अपनी मां के लौटने का इंतजार है। भरण-पोषण करने में असक्षम मां ने उसे आेपीडी पर्ची बनाने के बहाने एक जगह बैठा दिया और फिर लौटकर नहीं आई। शाम तक कोई सम्पर्क नहीं होने पर वह रोने चिल्लाने लगी तो वार्डब्वॉय सुनील असराठी ने उसे भर्ती कराया तथा अस्पताल चौकी पुलिस को सूचना दी। परासिया ब्लॉक अंतर्गत शिवपुरी के ग्राम रावनवाड़ा निवासी 28 वर्षीय दुलरिया बचपन से ही देख नहीं पाती है।

 

परिवार की माली हालत और पिता के बीमार रहने की वजह से बेटी का पालन-पोषण करने में मां असक्षम थी। बताया जाता है कि मां-बेटी दोनों इलाज के लिए ही जिला अस्पताल आईं थीं, जहां बेटी को एक स्थान पर बैठाकर महिला पंजीयन पर्जी बनवाकर लाने का भरोसा लेकर गायब हो गई।


पुलिस कर रही परिजन की तलाश


मामले में शिकायत मिलते ही पुलिस भी हरकत में आ गई तथा पीडि़त दिव्यांग की मदद के लिए प्रयास करने लगी। पीडि़ता के बताए गए पते के अनुसार सम्बंधित थाने को सूचना दी गई, लेकिन परिवार के किसी भी सदस्य से सम्पर्क नहीं हो सका है। इधर, पीडि़ता को परिजन के लौटने का बेताबी से इंतजार है। फिलहाल वार्डब्वॉय सुनील ही उसका ख्याल रख रहा है।