
E-Riksha's
परकोटे में शुरू किए गये ई-रिकशा की सवारी यातायात पर भारी पड़ रही है। ई-रिकशा से एक तरफ यात्रियों के लिए सुगम परिवहन की सुविधा तो मिल रही है लेकिन दूसरी तरफ आमजनो के लिए परेशानी का सबक भी बन गई है। प्रदूषण कम करने के लिए और बैटरी से चलाने के लिए ई-रिकशा उपयोग में तो आ रहे है लेकिन अब यह लोगो के लिए मुसीबत बन रहे है
लाइसेंस की अनिवार्यता न होने से व इन पर कार्यवाही न होने से ये बेलगाम तरीके से दौड रहे है। बिना पंजीकरण और इंश्योरेंस के सैकडो ई-रिकशा परकोटे में चल रहे है। ऐसे में इनसे दुर्घटना होने पर पीडित व्यक्ति बीमा या मुआवजा का पात्र नही हो पाता।
जयपुर परकोटे में चल रहे ई-रिकशों को किसी भी प्रकार के नियम और लाइसेंस की अनिवार्यता न होने से इनमें कार्रवाई का कोई भय नही रहता है। ना तो इनका कोई रूट तय है और न ही इनके चलने पर कोई ठोस नियम बना रखे है। आपको बता दे ई-रिकशा मोटर व्हीकल एक्ट के दायरे से बाहर होने के कारण परिवहन विभाग व टै्रफिक पुलिस इन पर कोई कार्रवाई नही कर पा रही है।
असलम, ई-रिकशा चालक टै्रफिक पुलिसकर्मी ने बताया कि ई-रिकशो में न तो चालान किया जा सकता है और न ही इन पर कोई अन्य कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। ये बैटरी से संचालित होने व मोटर व्हीकल एक्ट के दायरे से भी बाहर होने के कारण नियम विरूद्ध इनके संचालन पर कोई कार्रवाई नही हो सकती है। परिवहन विभाग से जो रजिस्टे्रशन किया जाता है लेकिन ई-चालान मशीन से पूरी जानकारी नही मिल पाती हैै।
परकोटे की हर छोटी-बडी गलियों में बेलगाम तरीके से चला रहे है। इनका रूट तय नही होने से ये छोटी गलियों व व्यस्तम बाजारो में से होकर गुजरते है और वहा जाम का कारण बन रहे है। परकोटे के चांदपोल गेट के दोनो तरफ की सडक पर यह घंटो तक खडे होने से और वहा से आने-जाने वाले वाहनो और आमजनो को काफी परेशानी उठानी पड रही है। इसके अलावा रात के समय ई-रिकशो में लाइट नही चलाने से लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे है।
Published on:
22 Apr 2017 01:30 pm
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