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…राम की तपोभूमि में कृष्ण ने रचाई रासलीला

कार्यक्रम शुरू होते ही उपस्थित दर्शकों का वाद्ययंत्रों की धुन पर थिरकना लाज़िमी था, क्योंकि प्रस्तुति ही इतनी मनमोहक थी कलाकारों की।

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centenary year celebration of rashtra rishi Nanaji

राष्ट्र ऋषि नानाजी के जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजित तीन दिवसीय शरदोत्सव कार्यक्रम में एक से बढ़कर एक कलाकारों ने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से मनमोहक प्रस्तुति देकर दर्शकों को आनंद के सागर में गोता लगाने को मजबूर कर दिया। विशुद्ध भारतीय लोककलाओं पर आधारित कृष्ण की रासलीला ने वो समां बांधा कि उपस्थित जन समूह एकटक मुरलीधर की लीला को निहारता रहा और जय श्री कृष्ण के जय जयकार से वातावरण भक्ति के पालने में झूलने लगा।

centenary year celebration of rashtra rishi Nanaji

महान समाजसेवी नानाजी देशमुख के जन्म शताब्दी वर्ष पर चित्रकूट स्थित उनके प्रकल्प दीनदयाल शोध संस्थान प्रांगण में आयोजित शरदोत्सव कार्यक्रम में विभिन्न लोकलाओं के प्रदर्शन से लोगों को भारतीय परम्पराओं से परिचित कराया जा रहा है। खुले आसमां के नीचे चांद की इठलाती चांदनी रात में लेजर लाइटों की सतरंगी रोशनी में असम से आए कलाकारों ने जब कृष्ण की रासलीला का प्रदर्शन किया तो उपस्थित जनसमूह एकटक कान्हा को निहारने लगा।

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मुरली की धुन पर श्री राधा और गोपियों को रिझाते कान्हा की मर्यादित शरारतें भक्तिभाव का संचार कर रही थीं और बार बार लोगों की जुबां से हरे कृष्ण श्री राधे का उद्द्घोष वातावरण को भक्तिभाव के रस में सराबोर कर रहा था। लेज़र लाइटिंग की रंगीन रौशनी के बीच राधा को रिझाने वाले गीतों ने दर्शकों को थिरकने पर मजबूर कर दिया।

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कार्यक्रम शुरू होते ही उपस्थित दर्शकों का वाद्ययंत्रों की धुन पर थिरकना लाज़िमी था, क्योंकि प्रस्तुति ही इतनी मनमोहक थी कलाकारों की। गुवाहाटी (असम) की सांस्कृतिक संस्था द्वारा कृष्ण लीला का जो आकर्षक मंचन किया गया उसे देखकर दर्शक भाव विभोर हो मंत्रमुग्ध हो गए। मुंबई के सुमित सागर व नानू गुर्जर द्वारा भक्ति रस की गंगा बहाई गई।

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बाड़मेर के लोक कलाकार भुट्टे खां एवं साथियों द्वारा मांगणियार गायन की प्रस्तुति ने सभी को एक अलग ही तरह का एहसास कराया और लोककला के अस्तित्व से परिचित भी। भोपाल (मध्य प्रदेश) की कलाकार कल्याणी व वैदेही द्वारा नर्मदा परिक्रमा एवं नृत्य नाटिका ने अपनी भावभीनी प्रस्तुति से तालियों की गड़गड़ाहट बटोरी।