scriptडकैतों के ख़ात्मे के बाद बीहड़ में फैल रहा शिकारियों का नेटवर्क, अब तक कई जंगली जानवर बन चुके निशाना | chitrakoot news in hindi | Patrika News

डकैतों के ख़ात्मे के बाद बीहड़ में फैल रहा शिकारियों का नेटवर्क, अब तक कई जंगली जानवर बन चुके निशाना

locationचित्रकूटPublished: Nov 18, 2019 01:58:01 pm

बुन्देलखण्ड के पाठा के बीहड़ों में पिछले कई दशकों से सक्रिय रहे कुख्यात डकैतों के ख़ात्मे के बाद शैतानों का एक और नेटवर्क तैयार हो रहा है।

डकैतों के ख़ात्मे के बाद बीहड़ में फैल रहा शिकारियों का नेटवर्क, अब तक कई जंगली जानवर बन चुके निशाना

डकैतों के ख़ात्मे के बाद बीहड़ में फैल रहा शिकारियों का नेटवर्क, अब तक कई जंगली जानवर बन चुके निशाना

चित्रकूट. बुन्देलखण्ड के पाठा के बीहड़ों में पिछले कई दशकों से सक्रिय रहे कुख्यात डकैतों के ख़ात्मे के बाद शैतानों का एक और नेटवर्क तैयार हो रहा है। फर्क ये है कि डकैत इंसानी जान के दुश्मन थे और ये शैतान बेजुबानों की जान के प्यासे हैं। जी हां पाठा के बीहड़ों में दुर्लभ जंगली जानवरों का शिकार करने वाले शिकारियों का नेटवर्क फैल रहा है। अब तक कई बेजुबान इन शिकारियों की भेंट चढ़ चुके हैं। खास बात यह कि पाठा का ये बीहड़ नेशनल पार्क बनने की ओर अग्रसर है लेकिन दुर्लभ जानवरों की मौत के पीछे का तिलिस्म टूट नहीं रहा।


भालू का शव बरामद होने से सनसनी
जनपद के पाठा क्षेत्र स्थित रानीपुर वन्य जीव विहार के कल्याणपुर बीट अंतर्गत करौहां जंगल में भालू का शव मिलने से वन विभाग में सनसनी फैल गई है। सूत्रों के मुताबिक करंट लगने से भालू की मौत हुई है। शिकारियों द्वारा बेजुबानों का शिकार करने के लिए यह खौफ़नाक तरीका अपनाया जाता है। हालांकि भालू के शव का पोस्टमार्टम होने के बाद ही मौत की असली वजह सामने आ पाएगी। रविवार को जंगल में बेजुबान का शव मिलने के बाद हरकत में आए वन विभाग के जिम्मेदारों ने घटना की जांच करने की बात कही है। रेंजर त्रिवेणी प्रसाद के मुताबिक मृत भालू की उम्र तकरीबन 7 साल की है।


अब तक कई जानवरों का हो चुका है शिकार
ऐसा नहीं कि जंगली जानवर की मौत का यह कोई पहला मामला हो बल्कि इससे पहले भी अब तक कई दुर्लभ जानवर जंगल में मौत की आगोश में पाए गए हैं। इसी साल रेंज के अंतर्गत निही जंगल में पैंथर बंदर व भालू का शव बरामद हुआ था। कुछ दिन पहले रेंज के ही एक जंगल में एक वनकर्मी की हत्या कर दी गई थी। सूत्रों के मुताबिक शिकारियों ने अपने पकड़े जाने के डर से करंट लगाकर वनकर्मी को मार डाला। करंट जानवरों को मारने के लिए लगाया गया था। घटना के बाद जांच के नाम पर खानापूर्ति कर दी जाती है। रानीपुर वन्य जीव अभ्यारण्य के मुख्य वन सरंक्षक सुनील चौधरी ने पूरे मामले की जांच के लिए डीएफओ को निर्देशित किया है।


डकैतों के खात्मे के बाद बेखौफ हुए शिकारी!
तो यह कहा जाए कि डकैतों के ख़ात्मे के बाद जंगल में शिकारी बेख़ौफ़ हो गए हैं तो शायद गलत नहीं होगा। क्योंकि खूंखार डकैतों और पुलिस की लगातार चहलकदमी के कारण शिकारी घने जंगलों में ज्यादा नहीं पहुंच पाते थे। लेकिन अब कुख्यात डकैतों के बीहड़ से सफाए के बाद शिकारियों का खौफ काफी हद तक कम हो गया है जिससे वे घने बीहड़ों जंगलों में घात लगाकर बेजुबानों को ट्रेस कर उनका शिकार करते हैं।

ट्रेंडिंग वीडियो