
कोरोना: परदेसियों पर निगहबानी बनी चुनौती हर कोने पर प्रशासन की मशक्कत
चित्रकूट: रोजी रोटी के लिए अपने गांव घर को छोड़कर परदेस कमाने गए कामगारों का लौटना जारी है. बाहर से आने वाले लोगों की निगहबानी करते हुए उनका मेडिकल चेकअप कराने को लेकर प्रशासन की चुनौतियां भी बढ़ गई हैं. जिलाधिकारी ने पूरे प्रशासनिक अमले को मुस्तैद रहने की हिदायत दी है. हालांकि डीएम को कई ग्रामीण व शहरी इलाकों के लोगों ने जानकारी दी है कि बाहर से आने वाले कई लोग बिना जांच के गांव में पहुंच रहे हैं जिसपर डीएम ने बताया कि प्रशासन पूरी निगाह रख रहा है ऐसे लोगों पर. जहां जानकारी मिल रही है ऐसी किसी भी प्रकार की वहां टीमें भेजकर जांच कराई जा रही है.
प्रवासी मजदूरों कामगारों का अपने गांव घर की ओर लौटने का सिलसिला जारी है. पैदल साइकिल व बसों तथा ट्रेनों द्वारा मजदूरों का आवागमन चल रहा है. इनमें गुजरात महाराष्ट्र व दिल्ली से आने वाले मजदूरों की बड़ी संख्या है. प्रशासन ऐसे सभी परदेसियों की थर्मल स्क्रीनिंग करने का भरसक प्रयास कर रहा है. इसी प्रयास का परिणाम है कि जनपद अभी तक कोरोना मुक्त है और ग्रीन जोन में है. मेडिकल चेकअप के बाद सभी को होम क्वारंटीन की शर्त व हिदायत पर उन्हें उनके गांव भेजा जा रहा है. वहीं दूसरी ओर जनपद के जंगली व पगडंडियों के रास्ते परदेसियों के आने की सूचना भी जिला प्रशासन को इलाकाई लोगों द्वारा दी गई है. जिसपर डीएम शेषमणि पांडेय ने लोगों से कहा कि गामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधानों की अध्यक्षता में निगरानी समिति आशा बहु एएनएम व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है. फिर भी यदि किसी को सूचना मिले बाहर से आने वालों की तो तुरंत प्रशासन को जानकारी दें.
उधर मेहनतकशों द्वारा मीलों का सफर कदमों से नापने का सिलसिला थमा नहीं है. सूरत से दो हफ्ते पहले पैदल चला मजदूरों का जत्था जनपद सीमा पर देखा गया. जिसकी सूचना प्रशासन को दी गई. वहीं रोडवेज बस स्टैंड पर भी मजदूरों के पहुंचने का क्रम जारी है.
Published on:
07 May 2020 01:40 pm
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