
हैण्डग्रेनेड व अत्याधुनिक हथियारों से लैस रहे हैं बीहड़ के दस्यु गैंग
चित्रकूट. दस्युओं से टक्कर लेने में पुलिस के भी छक्के छूट जाते हैं। चंबल के डकैतों का खौफ ऐसा था कि पुलिस भी उनसे सीधे टक्कर लेने से घबराती थी, अगर कभी पुलिस और डकैतों का आमने सामने मुकाबला हो गया तो दस्यु भी कम नहीं पड़े, दस्युओं ने पुलिस को जमकर टक्कर दी। कभी-कभी तो पुलिस वालों को अपना कदम वापल खींचना पड़ा। पुलिस से टक्कर दस्यु गैंग यूं ही नहीं ले लेता था, इसके पीछे कारण था दस्यु गैंक के पास हथियार।
पाठा के दस्यु इतिहास में ऐसी कई मुठभेड़ हुई जिसमें दस्यु गैंगों ने खाकी को सीधी टक्कर दी और सीधी मुठभेड़ में खाकी को ही अधिक नुकसान उठाना पड़ा। ऐसा नहीं कि पुलिस के पास अत्याधुनिक हथियारों व कारतूस की कोई कमी रही हो, लेकिन दस्यु गैंग भी उसी तरह के अत्याधुनिक हथियारों और कारतूस से लैस होते थे, जिससे वे खाकी को अब तक टक्कर देते रहे हैं, जब कभी भी सीधे तौर पर मुठभेड़ हुई है। सबसे बड़ा सवाल यह कि आखिर दस्यु गैंगों के पास हैण्ड ग्रेनेड जैसे हथगोले कहां से आते हैं जो जिन्हें आमतौर पर यह समझा जाता है कि ये हथगोले सिर्फ आर्मी व पुलिस के पास ही मौजूद हो सकते हैं। बीहड़ के कई गैंगों के पास अब तक हैण्ड ग्रेनेड बरामद होता आया है जब भी उनके हथियारों का जखीरा बरामद हुआ है।
खतरनाक हथियारों का जखीरा
दस्यु गैंगों के पास से थर्टी स्प्रिंग राइफल, 315 व 303 बोर राइफल, पिस्टल तमंचा व कारतूस के अलावा बंदूक एक नली व डबल बैरल (दोनाली) के साथ भारी मात्रा में बरामद होते आए कारतूस इस बात की तस्दीक करते हैं कि हथियारों के काले कारोबार में डाकुओं की पहुंच कितनी लम्बी है और आज तक इस तिलिस्म को पुलिस नहीं तोड़ पाई है। कहां से आते हैं कारतूस, कौन सप्लाई करता है इन्हें और बीहड़ तक कैसे पहुंचते हैं ये पता लगाने में खाकी ने भी कभी दिलचस्पी नहीं दिखाई और न ही पता लगाने की जुर्रत की।
हैण्ड ग्रेनेड से लैस रहे हैं गैंग
डाकुओं के पास हैण्ड ग्रेनेड जैसे अत्यंत घातक हथगोले कहां से आते हैं यह वह यक्ष प्रश्न हो चुका है जिसका उत्तर शायद ही कभी खाकी के पास हो। ऐसा नहीं कि बुधवार को गिरफ्तार किए गए दस्यु गोप्पा गैंग के हार्डकोर मेंबर के पास से ही गैंग के खतरनाक हथियारों के जखीरे में हैण्ड ग्रेनेड मिला हो बल्कि इससे पहले पांच लाख के इनामी दस्यु रागिया, एक लाख के इनामी दस्यु घनश्याम केवट, कुख्यात ददुआ, ठोकिया गैंग के पास से हैण्ड ग्रेनेड बरामद हो चुके हैं। रागिया से 2010 में मुठभेड़ के दौरान मध्य प्रदेश पुलिस ने भारी मात्रा में कारतूस के साथ हैण्ड ग्रेनेड बरामद किया था तो वहीं 2009 में दस्यु घनश्याम केवट के साथ मुठभेड़ के दौरान भी पुलिस को उसके पास से हैण्ड ग्रेनेड बरामद हुआ था।
एक के बाद एक ट्रांसफर होते आए हैं डकैतों के हथियार
पाठा के दस्यु इतिहास में डाकुओं के हथियार एक के बाद एक हाथ में ट्रांसफर होते आए हैं। थोडा पीछे जाने पर यदि कुख्यात ददुआ की बात की जाए तो उसके मारे जाने (22 जुलाई 2007) के बाद गैंग के हथियारों के विषय में पुलिस व एसटीएफ को कोई विशेष जानकारी नहीं मिली परंतु बीहड़ के सूत्रों के मुताबिक गैंग के हथियार उभरते हुए दस्यु सरगना बलखडिय़ा के पास पहुंच गए। इसी तरह दस्यु ठोकिया के खात्मे (4 अगस्त 2008) के बाद उसके गैंग के भी खतरनाक हथियार पुलिस को नहीं मिल सके और वे भी बलखडिय़ा के पास पहुंच गए क्योंकि बलखडिय़ा इन दोनों गैंगों की छत्रछाया में था। रागिया गैंग के भी कुछ हथियार बलखडिय़ा के पास पहुंच गए। बलखडिय़ा के इनकाउंटर (2 जुलाई 2015) के बाद सारे खतरनाक हथियार इसके दाहिने हाथ वर्तमान में साढ़े पांच लाख के इनामी दस्यु बबुली के पास पहुंच गए और जिनके बल पर बबुली खाकी को सीधी टक्कर देने में जरा भी हिचकता नहीं है। इसी तरह पिछले वर्ष जुलाई 2017 में दस्यु गोप्पा के जेल जाने के बाद उसके गैंग के हथियार उसके दाहिने हाथ दस्यु महेंद्र पासी के पास पहुंच गए और महेंद्र पासी के इनकाउंटर के बाद गैंग के सारे हथियारों को हार्डकोर मेंबर कामता ने वीराने में छिपा कर रखा था।
पुलिस टीम को मिलेगा इनाम
गोप्पा गैंग के हार्डकोर मेंबर को गिरफ्तार कर हथियारों का जखीरा बरामद करने वाली पुलिस टीम को डीआईजी रेंज चित्रकूटधाम परिक्षेत्र के द्वारा 50 हजार का इनाम देने की घोषणा की गई है। साथ ही इस पूरे ऑपरेशन की अगुवाई करने वाले स्वाट टीम प्रभारी श्रवण कुमार सिंह को एडीजी जोन इलाहाबाद की ओर से पुलिस महानिदेशक द्वारा प्रशंसा चिन्ह दिए जाने की संस्तुति की गई है। एसपी मनोज कुमार झा ने बताया कि यूं तो गोप्पा गैंग अब लगभग पूरी तरह खत्म हो चुका है, लेकिन पुलिस अभी भी यह पता लगाएगी कि गैंग का कोई और मेंबर तो अब नहीं बचा है, कोई और असलहे कहीं छिपा कर तो नहीं रखे गए हैं।
Published on:
02 Aug 2018 09:12 pm
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