
चित्रकूट. भगवान श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट के जंगलों में भीषण आग का कहर जारी है। मुख्यालय स्थित देवांगना घाटी के जंगलों में पिछले तीन दिनों से आसमान छूती लपटों की रोशनी कई किलोमीटर दूर से देखी जा सकती है। वन विभाग और फायर ब्रिगेड की टीम ने जंगल के किनारों पर फैलती आग पर काबू पाने का तो प्रयास किया लेकिन तेज हवाओं के साथ लपटों की जुगलबंदी हर पल भड़कीली हो रही है। पूरा जंगल भीषण लपटों की चपेट में है।
चित्रकूट के जंगलों में आग के रौद्र रूप की लीला जारी है। पाठा सहित मुख्यालय के जंगलों में लगी आग धीरे-धीरे आबादी की ओर बढ़ रही है। सारे प्रयास फेल साबित हो रहे हैं। लपटों पर नियंत्रण पाकर पूरी तरह से आग बुझाना अभी दमकल के लिए चुनौती साबित हो रही है।
भीषण लपटों पर काबू पाने के लिए जिला प्रशासन ने पहली बार नए तरह का कदम उठाते हुए हेलीकॉप्टर से आग बुझाने की योजना बनाई है। डीएम विशाख जी अय्यर ने तात्कालिक प्रभाव से एक्शन लेते हुए एयर फ़ोर्स के अधिकारियों से संपर्क साधा और जंगलों में लगी आग का मुआयना करने आपदा राहत टीम हेलीकॉप्टर के माध्यम से चित्रकूट पहुंची। मुख्यालय स्थित हवाई पट्टी के पास देवांगना घाटी के जंगलों में भयंकर लपटों को देख टीम के भी होश उड़ गए। मुआयना करने के बाद यह योजना बनाई गई कि जनपद के निकटतम बांधों से पानी भरकर हेलीकॉप्टर के माध्यम से आग पर काबू पाने का प्रयास किया जाएगा। लगभग 4 हजार क्षमता वाले टैंक में पानी भरकर हेलीकॉप्टर से जंगल की तपन शांत की जाएगी।
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Published on:
31 Mar 2018 05:17 pm
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