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बनानी पड़ती है रोटी दबाने पड़ते पत्नी के हांथ पैर. कर्मचारी ने कुछ यूँ बताई अपने साहब को अपनी दास्तां

सरकारी कर्मचारी ने अपने देर से कार्यालय पहुंचने का ऐसा जवाब दिया और कारण बताया है कि मामला सुर्ख़ियों में आ गया है

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बनानी पड़ती है रोटी दबाने पड़ते पत्नी के हांथ पैर. कर्मचारी ने कुछ यूँ बताई अपने साहब को अपनी दास्तां

चित्रकूट: जमाना तो है नौकर बीवी का ,जब से हुई है शादी आंसू बहा रहा हूं ,शादी लड्डू मोतीचूर का जो खाए पछताए जो न खाए पछताए। इन मशहूर हिंदी फ़िल्मी गीतों को तो आपने कभी न कभी जरूर सुना होगा जिसमें शादी के बाद पति और पत्नी के अंतरंग रिश्तों को रोचक अंदाज में पेश किया गया है और पति के रूप में नायक की मजबूरी दिखाई गई है कि वो किस तरह पारिवारिक जिम्मेदारियों में चकरघिन्नी बनकर रह जाता है। खैर ये तो बात हुई फिल्मों की लेकिन असल जिंदगी में भी शादीशुदा जिंदगी में ऐसे मोड़ आ जाते हैं और परिस्थितियां बन जाती हैं कि फिल्मों की वो कहानियां रियल लाइफ में दिखने लगती हैं।

आमतौर पर ऑफिस में लोग अपने पारिवारिक जीवन की बातों को शेयर करने से बचते हैं और खास तौर पर अपनी पत्नी या पति से सम्बंधित किसी भी मामले पर शायद ही कोई कर्मचारी सार्वजनिक तौर पर मामले का जिक्र कर सके. इन सबके इतर चित्रकूट में एक रोचक मामला सामने आया है जिसमें एक सरकारी कर्मचारी ने अपने देर से कार्यालय पहुंचने का ऐसा जवाब दिया और कारण बताया है कि मामला सुर्ख़ियों में आ गया है. मीडिया की सुर्खियां तो बन ही गया है कर्मचारी का जवाब साथ ही कार्यालय में भी चर्चाओं का बाजार गर्म है. हर कोई उक्त कर्मचारी की इस बेचारगी पर रहम खाते हुए चुटकी लेने में लगा है तो अधिकारीयों को भी कोई जवाब नहीं सूझ रहा है.

साहब ने पूछा देर से आने का कारण

मामला जनपद के डिप्टी कमिश्नर वाणिज्य कर कार्यालय का है जहां आशु लिपिक के पद पर कार्यरत अशोक कुमार नाम के कर्मचारी से विगत 18 अगस्त(2018) को कार्यालय में समय से उपस्थित न होने को लेकर डिप्टी कमिश्नर वाणिज्य कर एम एस वर्मा द्वारा स्पष्टीकरण मांगा गया और उसी दिन शाम तक जवाब देने की समय सीमा निर्धारित की गई. स्पष्टीकरण के पत्र में अधिकारी द्वारा आशु लिपिक अशोक कुमार से पूछा गया कि वे कार्यालय में निर्धारित समय 10:15 तक उपस्थित क्यों नहीं हुए जबकि उनका अवकाश सम्बंधी कोई प्रार्थना पत्र भी नहीं उपलब्ध है. क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए और इसका जवाब वे 18 की शाम तक अवश्य दें.

कर्मचारी ने बताया बीवी के पैर दबाने पड़ते हैं और...

नौकरी पर संकट देख कर्मचारी के होश उड़ गए. स्पष्टीकरण के जवाब में उसने जो लिखा वो सुर्ख़ियों में आ गया. कर्मचारी ने लिखा: साहब पत्नी की तबियत खराब रहती है सो खाना मुझे ही बनाना पड़ता है, उसका बदन दर्द करता है तो हांथ पैर दबाने पड़ते हैं. कर्मचारी ने और आगे अपनी व्यथा बताते हुए लिखा कि: क्योंकि रोटी थोड़ा संभल नहीं पा रही है बचाओ तो जल जाती है जिसपर पत्नी गुस्सा हो जाती है. आज कल मैं दलिया बनाकर खा रहा हूं. कर्मचारी ने सिस्टम को भी घेरते हुए लिखा कि कमबख्त रोड बहुत खराब है जाम के कारण देर से पहुंच पाता हूं. उक्त कर्मचारी ने अपने अधिकारी से अनुरोध किया कि सुबह वह पत्नी की सेवा जल्दी करके अब कार्यालय के लिए निकलेगा बांकी आप खुद समझदार हैं.

सोच में पड़े अधिकारी

कर्मचारी के इस जवाब और जवाब के वायरल हुए पत्र के सम्बन्ध में जब डिप्टी कमिश्नर एम एस वर्मा से पूछा गया तो उनको भी कोई ठोस जवाब नहीं सुझा अलबत्ता यह जरूर कहा कि जब कोई अधिकारी जवाब मांगे तो मर्यादित भाषा में कर्मचारी को जवाब देना चाहिए, डिप्टी कमिश्नर के मुताबिक उक्त कर्मचारी को चेतावनी दी गई है और उसका एक दिन का वेतन काटा जाएगा.