25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जाने शिव के किन पांच स्वरूपों की आराधना से होगा कल्याण

 सावन के पहले सोमवार को बोल बम के जयकारों से गूँजे शिवालय। 

3 min read
Google source verification

image

Ashish Kumar Pandey

Jul 10, 2017

चित्रकूट. रिमझिम फुहारों के बीच सावन की अल्हड़ मस्ती में शिवालयों में गूँजता बोल बम का जयकारा और भक्ति के जल प्रपात से सराबोर भगवान भोलेनाथ। जी हाँ कुछ ऐसा ही दृश्य दिखाई दिया सावन के पहले सोमवार को। भोर से ही शिवमंदिरों शिवालयों में भोलेनाथ की भक्ति में झूमते आस्थावान जय जयकार करते हुए जलाभिषेक व रूद्राभिषेक के लिए उमड़ पड़े। इस बार का सावन धर्मिक दृष्टि से भक्तों के लिए ख़ास माना गया है क्योंकि पिछले लगभग 50 वर्षों के उपरान्त इस बार सावन में अद्भुत संयोग बना है और चार नहीं बल्कि पांच सोमवार(शिव आराधना का विशेष दिन) इस सावन को ख़ास बना देते हैं।
भोलेनाथ की आराधना कर जीवन को कल्याणमय बनाने की कामना लिए श्रद्धालु शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। इस सावन पड़ रहा है पांच सोमवार तो आइए जाने कि शिव के किन पांच स्वरूपों की आराधना भक्ति करने से जीवन होगा सुखमय और सारे संकट कष्ट हरेंगे भोलेनाथ।

जय जयकार से वातावरण भक्तिमय हो उठा
भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट में सावन के प्रथम सोमवार को वभिन्न मठ मंदिरों शिवालयों में आस्थावानों का सैलाब उमड़ पड़ा। भोर की बंसी बजते ही श्रद्धालु शिवलिंग पर जलाभिषेक करने को बेचैन दिखे और भोलेनाथ की जय जयकार से वातावरण भक्तिमय हो उठा। का वर्षों बाद इस बार सावन का महीना ख़ास है क्यूंकि इस सावन सालों बाद इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ रहे हैं। धार्मिक जानकारों के अनुसार वैधृति योग के साथ सावन की शुरुआत हो रही है और आयुष्मान योग के साथ इसकी समाप्ति होगी ,तो ऐसे अद्भुत संयोग में भगवान भोलेनाथ की आराधना विशेष फलदायी मानी गई है एवं उनकी कृपा भी विशेष रूप से अपने भक्तों पर बरसेगी यदि सही तरीके सच्चे मन व् श्रद्धा तथा विश्वास से भोले भंडारी की सेवा की जाए। पांच सोमवार वाले इस ख़ास सावन में शिव के किन पांच स्वरूपों की आराधना से मिलेगा मनवांछित फल व् जीवन के सारे कष्ट हारेंगे भोलेनाथ आइए जानते हैं.

1. पहला सोमवार(महामायाधारी की पूजा आराधना)

यदि आप आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं और माँ लक्ष्मी आप से रूठी हुई हैं तो सावन के पहले सोमवार को महामायाधारी भगवान शिव की आराधना पूजा कर माँ लक्ष्मी के विभिन्न मंत्रों में से किसी एक का जाप सच्ची श्रद्धा व् विश्वास से करना चाहिए। इस आराधना से भोलेनाथ की कृपा के साथ साथ माँ लक्ष्मी का भी आशीर्वाद आपके जीवन को सुखमय बनाएगा। कम से कम 11 माला जप अवश्य करें।

2. दूसरा सोमवार(महाकालेश्वर की पूजा)
सावन के दूसरे सोमवार को विभिन्न सांसारिक व्याधियों से मुक्ति के लिए भगवान शिव के महाकालेश्वर स्वरूप की पूजा आराधना करनी चाहिए। भोलेनाथ के इस स्वरूप की आराधना से पारिवारिक क्लेश, गृहस्थ जीवन में संकट , तांत्रिक क्रियाओं ,पितृ दोष से मुक्ति जैसी कई सांसारिक समस्याएं दूर होती हैं। पूजा आराधना में शिव मंत्रों का जप करना चाहिए वो भी रूद्राक्ष की माला से।

3. तीसरा सोमवार(अर्धनारीश्वर की आराधना)
भोले भंडारी के इस स्वरूप की पूजा आराधना स्तुति करने से अखंड सौभाग्य , संतान सुख उसकी सुरक्षा , दीर्घायु ,की प्राप्ति होती है तथा अकाल मृत्यु का भय निवारण होता है। गृहस्थ जीवन में शान्ति के लिए इस स्वरूप की आराधना करनी चाहिए। इस आराधना में शिव के विभिन्न मन्त्रों में से किसी एक का जप करना चाहिए। वैसे भी शास्त्रों तथा विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में हर स्वरूप के अलग अलग मन्त्रों का उल्लेख किया गया है।

4. चौथा सोमवार(तंत्रेश्वर शिव की आराधना)
यदि व्यक्ति जीवन में विभिन्न बाधाओं से जूझ रहा है तो उसे शिव के तांत्रिक स्वरूप यानी तंत्रेश्वर शिव की आराधना करनी चाहिए। इनकी पूजा आराधना स्तुति से मनुष्य के जीवन में सुख शान्ति का प्रवेश होता है और सारी बाधाएं(चाहे वे किसी भी तरह की हों दैहिक दैविक भौतिक) दूर हो जाती हैं। इस आराधना से रोग नाश। शत्रु का भय नहीं रहता एवं अकाल मृत्यु का भी दर व्यक्ति को नहीं सताता। जीवन कल्याणकारी बन जाता है। सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।

5. पांचवां सोमवार(शिव स्वरूप भोले की आराधना)
सावन के अंतिम यानी पांचवें सोमवार को करें भगवान शिव के भोले नाथ स्वरूप की आराधना यानी जिस स्वरूप में आम तौर पर भोले भंडारी पूजे जाते हैं। इन्हे त्रयंबकर भी कहा जाता है। इनकी आराधना से समस्त दुखों संकटों से मुक्ति मिलती है। इस स्वरूप की आराधना पूजा के दौरान महामृत्युंजय लघु मृत्युंजय मन्त्र से जलाभिषेक या रूद्राभिषेक करना चाहिए।

यूँ तो भगवान भोलेनाथ भक्तों के भाव श्रद्धा से ही प्रसन्न हो जाते हैं उन्हें चाहे कुछ अर्पण किया जाए या नहीं, फिर ही भोलेनाथ के प्रिय महीने सावन में यदि उनकी विशेष कृपा पानी है तो उनके विभिन्न स्वरूपों की आराधना सच्चे मन से करनी चाहिए और तब सावन के रिमझिम फुहारों की तरह भोलेनाथ की असीम अनुकम्पा आपके जीवन को सुखमय बना देगी।